कोलकाता : भोजन का सीधा संबंध हमारी सेहत और ऊर्जा से है इसलिए वास्तु शास्त्र में भोजन करने को लेकर कुछ नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन पकाने, खाने और किचन के रख-रखाव का सही तरीका सही होना बहुत जरूरी है। यदि इसमें गलती की जाए तो परिवार के लोग बीमारियों के शिकार होते हैं, सुख-समृद्धि छिन जाती है। आइए जानते हैं भोजन करने से जुड़े महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स-
* भोजन हमेशा सही दिशा में मुख करके करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना सबसे उत्तम होता है। ऐसा करने से शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। भोजन अच्छे से पचता है और आयु बढ़ती है।
* उत्तर दिशा में मुख करके भोजन करना भी अच्छा होता है। इससे मानसिक तनाव, बीमारियों से निजात मिलती है। सेहत अच्छी रहती है। दिमाग चुस्त रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार जो लोग धन, विद्या या अन्य ज्ञान अर्जन करना चाहते हैं उन्हें हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए। इसके अलावा करियर की शुरुआत कर रहे लोगों को भी उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही भोजन करना चाहिए।
* जो लोग व्यापार करते हैं या नौकरी में तेजी से तरक्की चाहते हैं, उन्हें पश्चिम दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए। इससे आर्थिक उन्नति होती है।
* दक्षिण दिशा में मुख करके कभी भोजन न करें। यह यम की दिशा होती है। इस दिशा में मुंह करके भोजन करने से बीमारियां घेरती हैं। हालांकि जब ग्रुप में बैठकर भोजन कर रहे हों तो किसी भी दिशा में मुख कर सकते हैं।
*भोजन के बाद कभी भी रात में किचन गंदा न छोड़ें। ना ही किचन में जूठे बर्तन छोड़ें। रात में रसोई को गंदा छोड़ना अमीर व्यक्ति को भी गरीब बना देता है।