देहरादून : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को युवा प्रशासनिक अधिकारियों से राष्ट्रीय हितों की रक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और वीर सैनिकों की तरह कठिन परिस्थितियों के लिए सदैव तैयार रहने का आह्वान किया और कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नागरिक-सैन्य समन्वय का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 100वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान प्रशासनिक मशीनरी ने सशस्त्र बलों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण सूचनाओं का संचार किया और जनता का विश्वास जीता। रक्षा
मंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सशस्त्र बलों ने संतुलित जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया लेकिन पड़ोसी देश के कारण सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं हो पाई। उन्होंने सैनिकों की वीरता के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की। सिंह ने कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण सूचनाओं का संचार किया और देश भर में ‘मॉक ड्रिल’ का सफल संचालन सुनिश्चित किया। रक्षा मंत्री ने वर्ष 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के लिए शासन और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच बेहतर समन्वय पर बल दिया।
‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘सुधार, प्रदर्शन एवं परिवर्तन’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘सुधार, प्रदर्शन एवं परिवर्तन’ के मंत्र का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लक्ष्य को गति देने में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्ष 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के समय भारत की अर्थव्यवस्था के 11वें स्थान से वर्तमान में चौथे स्थान पर पहुंचने का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अब मॉर्गन स्टेनली जैसी अत्यधिक प्रतिष्ठित वित्तीय फर्म भी कहती है कि भारत अगले दो-तीन वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
रक्षा मंत्री ने अधिकारियों से उत्तरदायी और सार्वजनिक जवाबदेही की भावना के साथ कार्य करने का आग्रह करते हुए कहा, 'आप केवल आदर्शवादी संरक्षक नहीं, बल्कि लोंगों के सेवक हैं। आप केवल प्रदाता ही नहीं, बल्कि सशक्तीकरण के सूत्रधार भी हैं। आपका चरित्र भ्रष्ट न हो। आपका आचरण सत्यनिष्ठा से परिपूर्ण होना चाहिए। आपको एक ऐसी संस्कृति बनानी होगी जहां सत्यनिष्ठा न तो कोई गुण हो और न ही अपवाद; बल्कि यह दैनिक जीवन का एक सामान्य हिस्सा हो।' उन्होंने अधिकारियों से प्रौद्योगिकी-संचालित युग में नवोन्मेषी तरीके से कार्य करने और लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने का आह्वान भी किया।
सिंह ने इस बात पर भी बल दिया कि अधिकारियों को प्रत्येक नागरिक के साथ सहानुभूति से पेश आना चाहिए और यह समझना चाहिए कि समाज के वंचित या कमज़ोर वर्गों के संघर्ष उनके सामाजिक और आर्थिक परिस्थितिजन्य कारकों से भी जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि यही बात एक प्रशासक को वास्तव में जन-केंद्रित और करुणामय बनाती है ।
रक्षा मंत्री ने सिविल सेवाओं में महिलाओं की निरंतर प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि नवीनतम यूपीएससी परीक्षा में एक महिला ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और शीर्ष पांच उम्मीदवारों में से तीन महिलाएं हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि 2047 तक, कई महिलाएं कैबिनेट सचिवों के पदों तक पहुंचेंगी और भारत की विकास यात्रा का नेतृत्व करेंगी।