

बामनगोला : टांगन नदी का जलस्तर बढ़ते ही थांगभंगा क्षेत्र में तीन फसल वाले खेतों से सटे नदी के किनारों का भूस्खलन होने लगा है। इस घटना से निवासी भयभीत हैं। यह घटना बामनगोला ब्लॉक के गोविंदा महेशपुर और बामनगोला ग्राम पंचायत के जामडांगा, थांगभांगा और परहाबी नगर सहित विभिन्न इलाकों में हुई। ज्ञातव्य है कि हर वर्ष मानसून के दौरान, जब टांगन में जल स्तर बढ़ता है, तो तीन फसल वाली कृषि भूमि सहित आवासीय क्षेत्रों में भूस्खलन देखा जाता है। पिछले वर्ष मानसून के दौरान जामडांगा क्षेत्र के चौधरीपाड़ा और छेदनतला इलाकों में कृषि योग्य भूमि का बड़े पैमाने पर कटाव हुआ था। परिणामस्वरूप, टांगन में काफी भूमि का कटाव हुआ। इस मामले को लेकर सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता शिवनाथ गांगुली ने बताया कि जामडांगा क्षेत्र का निरीक्षण किया जा चुका है। वहां का आवासीय क्षेत्र नदी से लगभग 400 मीटर दूर स्थित है। पूरे मामले पर नजर रखी जा रही है और प्रारंभिक कार्य चल रहा है। स्थायी समस्या को हल करने के लिए योजनाएँ पहले ही बना ली गई हैं। काम संभवतः नवंबर से शुरू होगा।
निवासियों ने बताया कि परहाबी नगर गांव में करीब 100 परिवार रहते हैं। उनके दो घर पहले ही नदी में डूब चुके हैं। निवासी एक के बाद एक नए मकान बना रहे हैं और उनमें रह रहे हैं। यदि गांव के आवासीय क्षेत्र में नदी तटबंध का 7 फुट हिस्सा ढह गया तो घर फिर से नदी में डूब जाएंगे। यदि लगातार सात दिनों तक बारिश होती रही तो राहत नहीं मिलेगी। निवासी अत्यधिक भय में जी रहे हैं।
ज्योसना मंडल नामक एक ग्रामीण महिला ने बताया कि नदी से सटे इलाके में हमारी अपनी जमीन के किनारे भूस्खलन हुआ है। नदी तट से घर की दूरी 20 मीटर है। यदि कटाव को नहीं रोका गया तो जमीन के साथ-साथ घर भी नदी में बह जाएंगे। नदी पर बांध बनाकर इस समस्या का तुरंत समाधान किया जाना चाहिए। अन्यथा सभी ग्रामीण आंदोलन में शामिल होने को मजबूर होंगे। बामन गोला पंचायत समिति की अध्यक्ष पारुल कुजूर ने भी कहा कि हमने क्षेत्र में जाकर प्रदर्शन किया है और हम इस मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाएंगे।