
कोलकाता : भारत को अक्सर "दुनिया की डायबिटीज राजधानी" कहा जाता है, और इसके पीछे एक बड़ा कारण है यहाँ पर डायबिटीज का उच्च प्रचलन। पहले यह बीमारी मुख्य रूप से बुजुर्गों तक सीमित थी, लेकिन अब यह तेजी से युवाओं को भी प्रभावित कर रही है, और इसका कारण चिंताजनक दर से बढ़ रहा है। डॉ. अनु गायकवाड़, कंसल्टेंट डायबिटोलॉजिस्ट और हेड, गेरियाट्रिक मेडिसिन, डीपीयू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पिंपरी, पुणे के अनुसार, डायबिटीज का आयु वर्ग बदल रहा है। अब 16 साल की लड़की या 25 साल का लड़का भी उतना ही जोखिम में हैं, जितना कि एक वरिष्ठ नागरिक। लेकिन यह बदलाव क्यों आ रहा है?
शहरीकरण और जीवनशैली में बदलाव
सबसे पहले, शहरीकरण और आधुनिक जीवनशैली के बदलाव को देखा जा सकता है। जैसे-जैसे शहर बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हर दिन का जीवन अधिक गतिहीन (sedentary) होता जा रहा है। इस बदलाव के साथ-साथ कैलोरी से भरपूर प्रोसेस्ड फूड, मीठे पेय पदार्थ, और रेडी-टू-ईट स्नैक्स की आसान उपलब्धता बढ़ रही है।
बेहतर भोजन की जगह कैलोरी-घने खाद्य पदार्थ
डॉ. गायकवाड़ का कहना है कि एक संतुलित आहार को धीरे-धीरे कैलोरी-घने और पोषक तत्वों से कम खाद्य पदार्थों में बदला जा रहा है, जो डायबिटीज के बढ़ने का एक कारण बन रहा है। इसके अलावा, बढ़ता हुआ तनाव, नींद की कमी और कार्यस्थल पर असमंजस जैसी समस्याएँ भी खराब मेटाबोलिक स्वास्थ्य का कारण बन रही हैं।
मानसिक स्वास्थ्य और तनाव
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। युवाओं में बढ़ता हुआ तनाव, नींद की कमी और अनिश्चित कार्य स्थितियाँ मेटाबोलिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं। इससे शरीर की शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
अधिक कैलोरी, कम पोषण
जब लोग अधिक कैलोरी वाली और पोषण में कम खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो यह उनके शरीर की शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता को कमजोर कर देता है। प्रोसेस्ड और फास्ट फूड्स की बढ़ती खपत इस समस्या को और बढ़ा रही है। भारत में डायबिटीज की बढ़ती समस्या केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब यह युवा पीढ़ी को भी तेजी से प्रभावित कर रही है। शहरी जीवनशैली, तनाव, खराब आहार और जीवन के अन्य दबावों के कारण, डायबिटीज का खतरा युवाओं में बढ़ता जा रहा है। ऐसे में समय रहते इसे पहचानना और जीवनशैली में सुधार लाना आवश्यक है, ताकि इस बीमारी से बचा जा सके।