कोलकाता : पश्चिम बंगाल बस एवं मिनी बस मालिक संघ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अगस्त माह से 15 वर्ष पुराने व्यवसायिक वाहनों के संचालन चरणबद्ध तरीके से बंद करने की समय-सीमा दो साल और बढ़ाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में संघ ने कहा कि कोलकाता और हावड़ा में चलने वाली दो हजार बसें एक अगस्त के बाद प्रदूषण मानकों के लिए निर्धारित आयु सीमा पार करने की वजह से सड़कों से हटानी पड़ेंगी। उसने कहा कि कोरोना संक्रमण और ‘लॉकडाउन’ के बीच आर्थिक संघर्ष से जूझ रहे वाहन मालिक नए बीएस-6 मानक अनुरूप वाहन खरीदने में असमर्थ हैं। संघ के महासचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा ‘क्या हम संघर्षरत बस और मिनीबस उद्योग को पुनर्जीवित करने के उपायों पर चर्चा करने के लिए एक संक्षिप्त बैठक का अनुरोध कर सकते हैं? हम परिवहन विभाग से 15 साल की समय सीमा को दो साल के लिए बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं। इनमें से कई वाहन ‘लॉकडाउन’ के दौरान सड़कों से नदारद थे और इससे उस अवधि के दौरान वाहनों से होने वाले प्रदूषण में इनका कोई योगदान नहीं था। दो साल का विस्तार देने से इन वाहनों का संचालन जारी रखने की अनुमति मिल जाएगी।’’ बोस ने पत्र में राज्य सरकार से निजी बस और मिनी बस सेवाओं पर निर्भर हजारों परिवारों के समक्ष आ रही कठिनाइयों पर भी विचार करने की अपील की।
Kolkata Private Bus: कोलकाता में निजी बस चालकों ने CM ममता से किया आग्रह…
पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर 2009 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक आदेश में वाहनों की आयु सीमा 15 वर्ष निर्धारित कर दी है। इसकी वजह से अगस्त से कोलकाता और आसपास के जिलों में चलने वाले 30 हजार वाहनों में से 80 प्रतिशत को सड़कों से हटाना पड़ेगा। परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने इससे पहले ‘संवाददाताओं’ से कहा था कि सरकार निजी बस और मिनी बस संचालकों के सामने आ रही चुनौतियों के प्रति सहानुभूति रखती है, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने की आवश्यकता के आगे विवश है। उन्होंने बस मालिकों को अदालत का दरवाजा खटखटाने का सुझाव दिया।
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