कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या की घटना के बाद से मेडिकल छात्राओं में भय का माहौल है। गत 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने घटना का संज्ञान लेते हुए बताया था कि 14 अगस्त की मध्य रात्रि को अस्पताल परिसर में हुई तोड़फोड़ की घटना के बाद से अधिकांश रेजिडेंट डॉक्टर हॉस्टल छोड़ कर चले गए हैं। आरजी कर अस्पताल में करीब 700 रेजिडेंट डॉक्टर्स अस्पताल परिसर में स्थित हॉस्टलों में रहते हैं। घटना के बाद से महज 30 महिला जूनियर डॉक्टर और 60 पुरुष जूनियर डॉक्टर्स ही हॉस्टल में रह रहे हैं। आरजी कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि घटना के बाद से रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच भय का माहौल है।
250 मेडिकल छात्राओं में रह गई बस 40 छात्राएं
गत 9 अगस्त को घटना के बाद से कई महिला डॉक्टर हॉस्टल छोड़ कर अपने घर लौट गई हैं। वहीं स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अस्पताल परिसर में हुए हमले के बाद से अधिकांश रेजिडेंट डॉक्टर हॉस्टल छोड़ कर अपने घर लौट गए हैं। ये रेजिडेंट डॉक्टर रोजाना सफर कर आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति एनआरएस अस्पताल की भी है जहां घटना के दिन से मेडिकल छात्राओं के हॉस्टल छोड़ने का सिलसिला जारी है। अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने बताया कि एनआरएस अस्पताल में स्थित महिला हॉस्टल में 250 मेडिकल छात्राएं रहती हैं हालांकि, वर्तमान में केवल 40 छात्राएं ही हॉस्टल में रह रही हैं। अन्य छात्राएं हॉस्टल छोड़ कर अपने अपने घर लौट गई हैं। परिजनों का कहना है कि वे बच्चों को हॉस्टल में रहने से मना कर रहे हैं।