गुवाहाटी: असम की बाइकर मीनाक्षी दास ने अकेले बाइक से 64 देशों का दौरा कर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया। यह यात्रा न सिर्फ उनका साहस बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण की कहानी भी है। 17 दिसंबर 2023 को गुवाहाटी से शुरू होकर 22 दिसंबर 2024 को समाप्त होने वाली इस यात्रा ने न केवल दुनिया भर के विभिन्न देशों में मीनाक्षी का परिचय कराया, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।
यात्रा के दौरान आई चुनौतियां
मीनाक्षी की यात्रा आसान नहीं थी। वीज़ा समस्याएं, बाइक की तकनीकी समस्याएं, धूल के तूफान और एक दुर्घटना जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, मीनाक्षी ने कभी हार नहीं मानी और इन सभी समस्याओं का डटकर सामना किया। कई देशों में असमिया और भारतीय समुदायों से मिली मदद ने उनकी यात्रा को आसान बनाया। मीनाक्षी ने इस यात्रा को एक शानदार अनुभव बताते हुए कहा, “यह एक रोमांचक और सीखने का अनुभव था।”
कठिनाइयों के बावजूद यात्रा जारी रखी
यात्रा के लिए वित्तीय समस्याएं मीनाक्षी के लिए एक और बड़ी चुनौती थी। बिना किसी बड़े प्रायोजक के, मीनाक्षी ने अपनी व्यक्तिगत बचत, दान और एक ज़मीन गिरवी रखकर इस मिशन को आगे बढ़ाया। असम सरकार से भी सीमित सहायता प्राप्त हुई, जिसमें असम के खेल मंत्री नंदिता गर्लोसा ने एक लाख रुपये की मदद दी। कुल मिलाकर, मीनाक्षी की यात्रा का खर्च लगभग 20 लाख रुपये था, लेकिन उनकी दृढ़ता ने उन्हें यह कठिन यात्रा पूरी करने में मदद की।
महिलाओं के लिए दिया संदेश
मीनाक्षी ने अपनी यात्रा का हर पहलू वीडियो ब्लॉग्स के माध्यम से दस्तावेज़ किया, और भारतीय बाइकिंग संस्कृति पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “जोश के साथ सवारी करो, लेकिन हेलमेट पहनकर ही उसे पूरा करो। सुरक्षा गियर न भूलें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें।” अब इस यात्रा के बाद मीनाक्षी अपने परिवार के पास वापस लौट आई हैं और भविष्य में देश के हर कोने में बाइक से यात्रा करने की योजना बना रही हैं। उनका उद्देश्य महिलाओं के सशक्तिकरण का संदेश फैलाना है, और उनका कहना है, “अकेले चलें, क्योंकि हमेशा दो का साथ जरूरी नहीं होता।”