आखिर क्यों भारत के लिए कहर बन रही है डायबिटीज ? | Sanmarg

आखिर क्यों भारत के लिए कहर बन रही है डायबिटीज ?

कोलकाता : आज हम आप और आपके परिवार के आसपास मंडरा रहे एक बहुत बड़े खतरे के बारे में बताने जा रहे हैं। ये खतरा कुछ और नहीं, बल्कि डायबिटीज है। हमारी खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से मधुमेह की बीमारी घर घर पहुंच रही है। ये बात हम नहीं कर रहे, ये कहना है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR का, जिसके ताजा सर्वे के मुताबिक भारत में डायबिटीज के कुल मरीजों की संख्या 10 करोड़ को भी पार कर चुकी है, यानी ब्रिटेन की आबादी से भी 3 करोड़ ज्यादा।

भारत में यूके की आबादी ज्यादा डायबिटीज के मरीज

यूनाइटेड किंगडम की कुल आबादी 7 करोड़ है, जबकि भारत में डायबिटीज यानी मधुमेह के मरीजों की संख्या ही 10 करोड़ से ज्‍यादा हो चुके हैं, यानी भारत में शुगर के मरीज अपने आप में एक देश के बराबर हो चुके हैं। आप चाहें तो कह सकते हैं कि भारत में डायबिटीज का किंगडम तैयार हो चुका है।

लगातार बढ़ रहे हैं आंकड़े
इससे भी डराने वाला आंकड़ा ये है कि डायबेटिक मरीजों की ये संख्या बीते कुछ वक्त से लगातार तेजी से बढ़ी है। ICMR का सर्वे बताता है कि भारत में बीते 4 सालों में ही डायबिटीज के मरीजों की संख्या 44% तक बढ़ गई है। यही नहीं, ऐसे लोग जिन्हें निकट भविष्य में डायबिटीज होने का खतरा है उनकी तादाद और भी ज्यादा है, सर्वे के अनुसार भारत में तकरीबन 13 करोड़ 30 लाख मरीज ऐसे हैं, जो प्रीडायबेटिक हैं और जिन्हें आने वाले समय में डायबिटीज होने का पूरा खतरा है।

आशंका से ज्यादा खतरनाक इजाफा
हालांकि पहले इंटरनैशनल डायबिटीज फेडरेशन ने साल 2019 में अनुमान लगाया था कि वर्ष 2030 तक भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 10 करोड़ पार कर जाएगी, लेकिन इस डरावने आंकड़े को हम 7 वर्ष पहले ही पार कर चुके हैं और आज देश की करीब साढ़े 11 फीसदी आबादी डायबेटिक हो चुकी है। इसमें भी 3 करोड़ लोग वो हैं, जो बीते 4 सालों में इसका शिकार बने हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि आज हम वाकई में डायबिटिक स्टेट बनने की तरफ बढ़ रहे हैं और इसकी कैपिटल है टूरिज्म के लिए मशहूर शहर गोवा।

भारत के इन राज्यों में डायबिटीज का कहर

जिस गोवा में आप घूमने और मस्ती के लिए जाते हैं, आज उसी गोवा की कुल 26.4 फीसदी आबादी डायबेटिक हो चुकी है। इसके बाद पुदुच्चेरी का नंबर आता है, जहां 26.3 फीसदी लोग मधुमेह के मरीज हैं, इसी तरह केरल में 25.5 फीसदी, जबकि चंडीगढ़ में 20.4 प्रतिशत लोग मधुमेह के शिकार हो चुके हैं। देश की राजधानी दिल्ली भी इस लिस्ट में ज्‍यादा पीछे नहीं है और दिल्ली की 17.8% आबादी मधुमेह का शिकार है।

हर 6 में से एक भारतीय को डायबिटीज 
आज पूरी दुनिया के 17 फीसदी डायबेटिक मरीज भारत से हैं, यानी हर 6 में से औसतन एक मरीज भारतीय है। यही नहीं इस बीमारी की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या भी कम नहीं है, और IDF Diabetes Atlas के मुताबिक साल 2021 में इस बीमारी की वजह से कुल 6, लाख 47 हजार 831 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

क्या टाला जा सकता है खतरा ?
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या ये खतरा टाला नहीं जा सकता है? बिल्कुल टाला जा सकता है, दरअसल डायबिटीज को पहले जेनेटिक यानी माता पिता से विरासत में मिलने वाली बीमारी माना जाता था, लेकिन आज भारत में डायबिटीज के ज्यादातर मरीज वो हैं, जो खराब लाइफस्टाइल की वजह से इसका शिकार हुए हैं…इसे टाइप टू डायबिटीज कहा जाता हैं, और अगर ये लोग अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा सा सुधार कर लें, तो वो इस मीठी बीमारी से खुद को बचा सकते हैं और अपने परिवार को भी।

पीछा नहीं छोड़ती ये बीमारी
जिन्दगी में कोई और उम्र भर आपका साथ निभाए या न निभाए, लेकिन अगर डायबिटीज ने एक बार आपका दामन थाम लिया तो फिर ये जीवन भर आपका पीछा नहीं छोड़ेगी। एक बार आप डायबिटीज की गिरफ्त में आए, तो फिर पूरी उम्र दवाओं और डॉक्टरों की संगति में ही बीतेगी।

डायबिटीज के प्रकार

डायबिटीज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं, पहली टाइप वन डायबिटीज, ये वो बीमारी है, जो आपको जेनेटिक तरीके से ट्रांसफर हो सकती है, यानी अगर आपके घर में किसी को डायबिटीज है, तो आपके भी इस बीमारी की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज का दूसरा प्रकार है, टाइप टू। ये मुख्य रूप से लाइफस्टाइल डिजीज है। शारीरिक मेहनत न करना या बहुत कम करना, खानपान पर नियंत्रण न रखना, अच्छी नींद न लेना और बढ़ता तनाव टाइप टू डायबिटीज के मुख्य कारण हैं।

सेहत का रखें ख्याल
सर्वे के अनुसार आज देश में 13 करोड़ से ज्‍यादा लोग प्रिडायबेटिक हैं और डॉक्टरों के अनुसार हर साल तकरीबन एक तिहाई प्रिडायबेटिक लोग डायबिटीज के मरीजों में बदल जाते हैं। हालांकि अगर खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार किया जाए तो ये आंकड़ा ही नहीं, आप अपनी सेहत भी सुधार सकते हैं।

स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
अगर आप बीमारी के शुरुआती दौर में है तो कुछ डॉक्टरों का दावा है कि आप पूरी तरह डायबिटीज मुक्त भी हो सकते हैं। हाल ही में भारत में की गई एक रिसर्च में 18 से 60 साल के ऐसे 60 लोगों को खाने से आधा घंटा पहले 20 ग्राम बादाम यानी लगभग 17-18 बादाम खाने के लिए दिए। ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर से आधा घंटा पहला इन्हें बादाम खिलाए गए। इनकी डायट को कंट्रोल किया गया और 45 मिनट तक रोजाना सैर करने के लिए कहा गया। ऐसा करीब तीन महीने तक किया गया। तीन महीने बाद इनमें से 33% लोगों के ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल आ चुके थे यानी उनके ऊपर से डायबिटीज का खतरा टल चुका था।

 

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