नयी दिल्ली : आईपीएल 2023 का मेला खत्म हो चुका है। करीब 2 महीने तक आईपीएल का जादू क्रिकेट के दीवानों के सिर चढ़कर बोला। 10 टीमों ने आईपीएल के 16वें खिताब के लिये कड़ी लड़ाई लड़ी। 29 मई को चेन्नई सुपर किंग्स ने फाइनल जीता जिसे 20 करोड़ रुपये का प्राइज मनी मिला। हार्दिक की कप्तानी वाली गुजरात को भी 13 करोड़ रुपये मिले। तीसरे स्थान पर रही मुंबई को 7 और चौथे नंबर की टीम लखनऊ सुपर जायंट्स को 6.50 करोड़ रुपये मिले। अब बची 6 टीमों को क्या मिला ? क्या वे खाली हाथ लौट गईं ? आपके मन में ये सवाल तो जरूर तैर रहा होगा। बाकी 6 टीमों को कुछ नहीं मिला। दरअसल ऐसा नहीं है। आईपीएल में हिस्सा लेने वाली टीमों के लिए प्राइज मनी तो कमाई का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है। 70 हजार करोड़ की ब्रांड वैल्यू पार कर चुकी आईपीएल में हिस्सा लेने वाली हर टीम मालामाल हो रही हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर आईपीएल में कमाई का गणित क्या है?
आखिर आईपीएल में टीमें पैसे कहां से कमाती हैं : आईपीएल के दौरान वो पांच तरीके हैं जहां से फ्रेंचाइजी पैसे कमाती हैं। वे सेंट्रल पूल, टीम स्पाॅन्सरशिप, टिकट सेल, मर्चेंडाइस सेल और प्राइज मनी शामिल है। बता दें कि टीम्स की कमाई का 70 से 80 फीसदी हिस्सा आईपीएल के सेंट्रल पूल से आता है। सेंट्रल पूल यानी आईपीएल के मीडिया राइट्स, टाइटल स्पॉन्सरशिप और अन्य स्पॉन्सरशिप्स से होने वाली कमाई। इस कमाई का 50 फीसदी हिस्सा बीसीसीआई के पास जाता है। बचे हुए हिस्से में से करीब 45-50 करोड़ रुपए प्राइज मनी में जाते हैं। बाकी बची रकम 10 फ्रेंचाइजी ओनर्स में बंटती है। ये रकम को फ्रेंचाइजी की पॉपुलैरिटी और परफार्मेंस के हिसाब से बंटती है। जो टीम ज्यादा पॉपुलर होती है, उसका शेयर भी उतना ही ज्यादा होता है। कमाई का दूसरा बड़ा हिस्सा आता है स्पॉन्सरशिप से। जब आप आईपीएल देख रहे होते हैं तो सबसे पहले आपकी नजर किस पर पड़ती है। प्लेयर की जर्सी पर लगे बड़े-छोटे लोगो पर?
दरअसल हर आईपीएल टीम एक जर्सी के 10 स्पॉट तक के लिए स्पॉन्सर बेच सकती है। कैमरे पर विजिबिलिटी के हिसाब से इन स्पॉन्सर स्पॉट के रेट तय होते हैं। आप जो टीम की जर्सी के फ्रंट पर स्पॉन्सर देखते हैं, उसे प्रिंसिपल स्पॉन्सर कहते हैं।
मुंबई इंडियंस टाॅप ब्रांड : आईपीएल टीमों की ब्रांड वैल्यू हर साल दोगुनी होती है। 5 बार की आईपीएल चैंपियन मुंबई इंडियंस इस लीग की सबसे सफल फ्रेंचाइजी है। यही वजह है कि टीम की ब्रांड वैल्यू भी 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। दरअसल, किसी भी टीम की ब्रांड वैल्यू के बढ़ने का पैमान यहां उसका लीग में बेहतरीन प्रदर्शन करना है।
यही कारण है कि 2023 में मुंबई के बाद ब्रांड वैल्यू में दूसरे नंबर पर चेन्नई है जिसका ब्रांड वैल्यू 9315 करोड़ रुपये है। केकेआर का 8900, लखनऊ सुपर जायंट्स का 8748, दिल्ली कैपिटल्स का 8424, आरसबी का 8343, राजस्थआन राॅयल्स का 8100, सनराइजर्स हैदराबाद का 7857, पंजाब किंग्स का 7492 और गुजरात टायटंस 6885 का करोड़ रुपये है।