कोलकाता: त्वचा को मुलायम रखने के लिए त्वचा की नमी न खोने दें क्योंकि इस मौसम में नमी के कारण शरीर की त्वचा रूखी, खुरदुरी और बुझी-बुझी सी लगती है। त्वचा में निखार लाने के लिए त्वचा की सुरक्षा जरूरी है। सर्दी के मौसम में जब तैल ग्रंथियों से तेल निकलना कम हो जाता है, तब तो बेहद जरूरी हो जाती है त्वचा की देखभाल।
त्वचा का फटना, लकीरें पड़ना, जलन व झुर्रियां पड़ना सर्दी के मौसम का विशेष प्रभाव है जिससे चेहरा रूखा, सफेद व दबा-दबासा लगता है। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए एवं शरीर की त्वचा को खिला-खिला सा बनाने के लिए बाजार में कई तरह के लोशन व क्रीम उपलब्ध होते रहते हैं, किन्तु उन सभी क्रीमों में कुछ एक का ही उपयोग करना चाहिए जो आपके शरीर की त्वचा के लिए उपयुक्त हों और त्वचा की खोई कमी को पूरा कर सकें।
लेनोलिन, सिलिकोन, पेट्रोलियम जैसे खनिज तेल ही इस कमी को पूराकरते हैं। नमी की कमी न होने के लिए नमीयुक्त तत्वों जैसे ग्लिसरीन एवं ग्लाइकोल का ही उपयोग करना चाहिए जो शरीर की त्वचा के लिए हवा से नमी खींचकर त्वचा को रूखा व खुरदरा होने से बचाते हैं। इससे त्वचा की नमी शरीर से बाहर नहीं निकल पाती और प्रदूषण से भी त्वचा बच जाती है।
इन नमीयुक्त तत्वों से सहायता लेने के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाये तो शरीर की त्वचा और भी अधिक सुरक्षित हो सकती है कि शरीर के जोड़ वाले भागों जैसे पैरों के घुटने, हाथों की कुहनियां, कानों के पीछे, जांघों के अगल-बगल एवं गरदन के भाग में लोशन नियमित रूप से लगायें और इन भागों को अधिक रगड़ने के बजाय गुनगुने पानी से साफ किया जाये तो नियमित रूप से लगाये गये लोशन व वैसलीन से शरीर के इन अंगों की त्वचा में खूबसूरती बढ़ जाती है तथा इन अंगों की त्वचा मुलायम व कोमल दिखने लगती है।
चेहरे का अधिकांश भाग खुला होता है, इसलिए मौसम का प्रभाव इस त्वचा पर अधिक पड़ता है, विशेषकर सर्दी के मौसम में जब शरीर की तैलीय ग्रन्थियों से त्वचा को तेल कम मिल पाता है। चेहरे की त्वचा की देखभाल ज्यादा जरूरी होती है अपेक्षा शरीर के अन्य भागों के क्योंकि पूरे शरीर की सुन्दरता चेहरे की खूबसूरती पर निर्भर करती है इसलिए चेहरे की त्वचा की सुरक्षा के लिए एक विशेष क्रीम का ही प्रयोग करना चाहिए जिसमें ग्लिसरीन व स्किन टॉनिक की भरपूर मात्रा मिली हो।
क्रीम के उपयोग में दिन की अपेक्षा रात के समय में ही तैलीय क्रीम का प्रयोग अधिक लाभकारी होता है। रात में लगे
क्रीम को सुबह साबुन से धोने के बजाय हल्के गुनगुने पानी से धोया जाये तो चेहरा अधिक मुलायम व गुुलाबी बना रहेगा।
शरीरकी त्वचा पर साबुन जितना कम से कम प्रयोग किया जाये, उतनी ही त्वचा की नमीव पोषकता बनी रहती है। विशेषकर चेहरे की त्वचा के लिए तो कम से कम साबुन का उपयोग करना चाहिए। यह प्रयोग बालों के लिए भी लाभप्रद होता है। बालों में सफेदी व रूसी में कमी आती है। साबुन में कुछ ऐसे खारे तत्वों की मिलावट होती है जो चेहरे की मुलायम त्वचा को समय से पहले ही बुझा-बुझा सा बना देती है।
चेहरा खिला-खिला सा लगे, इसके लिए साबुन से नहाने के पहले मसाज आयल (मालिश तेल)को त्वचा पर अच्छी तरह से मलने के बाद ही नहायें ताकि त्वचा हल्की नम रहे। किसी चिपचिपाहट रहित अच्छी क्रीम का चेहरे पर हल्का-सा प्रयोग करें। देखें चेहरा खिला-सा नजर आयेगा। सर्दी के मौसम में त्वचा की सुरक्षा बेहद जरूरी है क्योंकि त्वचा की सुरक्षा आम, बीमारियों के साथ-साथ प्रदूषण के प्रभावों से भी सुरक्षित रखती है जिससे शरीर में एक नया एहसास और त्वचा में एक नयी ताजगी बनी रहती है।