भारत इस वक्त दिल की बीमारी के ज्वालामुखी के मुहाने पर खड़ा है। पूरे विश्व में सबसे ज्यादा हार्ट डिजीज भारत में हो रही हैं और आने वाले समय में भी यह भारत में मौतों की बड़ी वजह बना रहेगा। बड़ी चिंता की बात यह है कि देश के युवा जो वर्किंग हैं, वो भी हार्ट डिजीज के शिकार हो रहे हैं। कम उम्र में ब्लड प्रेशर और डायबिटीज उन्हें हार्ट की बीमारी की तरफ धकेल रहा है। नारायणा हॉस्पिटल हावड़ा के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ रजत कर ने कहा कि प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी आज की जरूरत है, सबसे ज्यादा इस पर काम करने की जरूरत है, तभी इस महामारी को कम करने में मदद मिल सकती है।डॉ कर ने कहा कि ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के साथ-साथ अब हम हार्ट डिजीज में भी दुनिया भर में सबसे आगे हैं। हमारे युवा जो प्रोडक्टिव पीढ़ी है, वो भी हार्ट डिजीज के शिकार हो रहे हैं। इसकी वजह स्मोकिंग, तंबाकू का सेवन, फिजिकल वर्क या एक्सरसाइज की कमी, वजन बढ़ना, मोटापा और स्ट्रेस देश के युवाओं को हार्ट डिजीज की ओर धकेल रहा है। अभी भी समय है कि युवा वर्ग पर इस सोचे और अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। डॉक्टर कर ने कहा कि युवाओं में तेजी से स्मोकिंग का चलन बढ़ा है। इसके अलावा जंक फूड का सेवन बढ़ा है। 25 से 30 पर्सेंट स्कूली बच्चों में मोटापा हो रहा है। इसकी वजह से उन्हें कम उम्र में डायबिटीज भी हो रही है। डॉक्टर के अनुसार जितना संभव हो सके शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का प्रयास करें – लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का उपयोग करें, लंबे समय तक बैठने के बजाय रुक-रुक कर खड़े रहें और चलें, थोड़ी दूरी के लिए पैदल चलें या साइकिल चलाएं। सबसे पहले स्मोकिंग नहीं करें, जंक फूड से बचें, खानपान की आदत सही रखें, कम खाएं लेकिन बार-बार खाएं, फल सब्जी का ज्यादा इस्तेमाल करें, सैचुरेटेड फैट का सेवन नहीं करें, नमक व चीनी कम खाएं, वैरायटी ऑफ फूड का सेवन करें। इसके अलावा नियमित व्यायाम करने से एवं धूम्रपान छोड़ने से दिल की सेहत में सुधार होता है। तनाव प्रबंधन तकनीकों जैसे योग, मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की प्रैक्टिस करें। नियमित हेल्थ चेकअप से सुधार होता है।