कोलकाता : लोकसभा चुनाव की शुरुआत अब होने ही वाली है और आगामी 19 तारीख को पहले चरण का चुनाव है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगले सप्ताह यानी 20 तारीख के बाद से कोलकाता में बसों की संख्या काफी कम हो जायेगी क्योंकि बसें चुनाव आयोग द्वारा चुनावी ड्यूटी के लिये ली जा रही हैं। इस बारे में सिटी सबअर्बन बस सर्विसेज के महासचिव टीटो साहा ने कहा कि 3 तरीकों से चुनाव आयोग द्वारा बसें चुनावी ड्यूटी के लिये ली जा रही हैं। पहले चरण में उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों द्वारा बसें ली जा रही हैं। इन्हें केंद्रीय बलों के जवानों और वोट कर्मियों की मतदान केंद्रों पर तैनाती के लिये इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय थानों द्वारा भी बसें ली जा रही हैं जिनका इस्तेमाल चुनाव आयोग कैम्प तक अपने सामानों और केंद्रीय बलों को भेजने के लिये किया जा रहा है। इसके अलावा मोटर ह्वीकल के इंस्पेक्टर भी बसें ले रहे हैं। इनका इस्तेमाल कोलकाता के 2 लोकसभा केंद्रों के तहत आने वाले विधानसभा केंद्रों के लिये किया जाता है। उत्तर के लिये रवींद्र भारती और दक्षिण कोलकाता के लिये नेताजी इण्डोर स्टेडियम में बसों की रिपोर्टिंग की जाती है। टीटो साहा ने कहा, ‘जितनी संख्या में बसें फेज आउट हो रही हैं, उतनी संख्या में फेज इन नहीं हो रही जिस कारण बसों की किल्लत अभी से देखी जा रही है। यह समस्या आगे और बढ़ेगी व अप्रैल के मध्य से बसें और कम हो जायेंगी।’
बसों के लिये चुनावी ड्यूटी लाभदायक
बस मालिकों का कहना है कि उनके वाहनों को शहर के रूटों में चलाने के बजाय चुनावी ड्यूटी में देना अधिक लाभदायक है। प्रत्येक बस के लिये ऑपरेटरों को 3,000 से 3,500 रुपये मिलते हैं और 75% एडवांस दे दिया जाता है। वहीं टीटो साहा ने कहा कि गैरेज टू गैरेज दाम दिया जाता है।स्कूलों की छुट्टी से ऑपरेटरों को राहतअर्बन परिवहन सिटी बस सर्विसेज के अनुराग अग्रवाल ने बताया, ‘इस बार गर्मियों की छुट्टी रहने के कारण हमें चिंता नहीं है। चुनाव में कुल 1,500 स्कूल बसें लेे ली गयी हैं। 10 मई के बाद स्कूलों में छुट्टी चालू हो जायेगी और 8 जून के बाद स्कूल खुलेंगे। ऐसे में बसें लेने को लेकर चिंता नहीं है, लेकिन बसें जब वापस आयेंगी तो उसके बाद उन्हें फिर सैनिटाइज कर रेडी करने में समय लगेगा। एक बस में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है।’
2021 की तुलना में कम हुई बसें
वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार लोकसभा चुनाव से पहले बसों की संख्या कम हो गयी है। 2021 में कोलकाता में बसों की संख्या लगभग 4,000 थी जबकि अब यह 2,700 के करीब हो गयी है। ऐसे में इस बार कॉमर्शियल बसों के अलावा स्कूल बसों व पूल कार का इस्तेमाल भी चुनावी ड्यूटी के लिये ली जायेंगी। टीटो साहा ने कहा कि हमने प्रति रूट में 30 अथवा 40% बसें लेेने का अनुरोध किया था, लेकिन यह सामंजस्य बनाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर हम चिंतित हैं।