कोलकाता : कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला कोई आम पुस्तक मेला नहीं है। यह एक विश्व उत्सव और विश्व मेला है जो कि पिछले चार दशकों से भी ज्यादा समय से विश्व मानवता और पुस्तक प्रेम का एक मिसाल बन चुका है। वर्तमान समय पर पूरे विश्व में सबसे बड़े दूसरे पुस्तक मेले के रूप से परिचित कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला जल्द ही दुनिया का एक नंबर सबसे बड़ा पुस्तक मेला बनने वाला है। गुरुवार को सीएम ममता बनर्जी ने साल्टलेक सेंट्रल पार्क में स्थित 47वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला का उद्घाटन करते हुए ऐसे ही दावा किया।
‘एक दिन यह बनेगा विश्व का नंबर वन मेला’
इस मौके पर सीएम ने सभी को किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि एक दिन कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला विश्व का नंबर वन मेला बनेगा। बंगाल हमेशा सबको राह दिखाता है, भविष्य में भी बंगाल ही राह दिखाएगा। सीएम ने यह भी कहा कि हो सके तो वक्त निकाल के किताब पढ़ा कीजिए। खासकर के युवा पीढ़ी और भी ज्यादा किताबों से जुड़े। उन्होंने कहा कि एक पुस्तक मेला लेखक और पाठक की युगलबंदी में बनता है। मैं खुद एक लेखिका हूं। आज से नहीं, 1995 मेरी पहली किताब प्रकाशित हुई थी। आज तक 143 किताबें लिख चुकी हूं। इस साल मेरी 8 किताबें प्रकाशित हुई हैं। अगले साल और सात पुस्तकें लिखूंगी। कुल मिलाकर मेरी 150 किताबें तैयार हो जाएंगी। सीएम ने खेद जताया कि मुझे लिखना बहुत पसंद है लेकिन वक्त मिल पाना मुश्किल हो रहा है। अच्छा होता मेरे साथ जो लोग घूमते हैं, वह लोग मुझे मदद करें।
ब्रिटेन के साथ बंगाल के रिश्ते पर सीएम ने कही यह बात
ब्रिटेन के साथ बंगाल के रिश्ते को उजागर करते हुए ममता ने कहा कि “कोलकाता के साथ ब्रिटिश का संबंध बहुत पुराना है। 1757 से लेकर आज तक कोलकाता में खासकर आर्ट लिटरेचर और आर्किटेक्चर की दुनिया में ब्रिटिश का योगदान महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने यह भी कहा कि “मुझे लंदन बेहद पसंद है। मैं जब भी जाती हूं पूरा शहर पैदल घूमती हूं। लंदन जितना ब्रिटिश का है उतना हमारा भी है। इंग्लैंड और कोलकाता एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारे यहां के बहुत सारे स्टूडेंट्स एवं शिक्षक ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी में जुड़े हुए हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने बताया कि वहां से विश्वविद्यालयों ने मुझे बुलाया है। मैंने कहा है कि जून के बाद मैं जा सकती हूं।” सीएम का यह भी कहना है, “पहले बहुत छोटी जगह पर कोलकाता पुस्तक मेला आयोजित होता था। अभी यह जगह कितना बढ़ गया है।
हमने यह पूरा मैदान दिया है। कभी कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े इसीलिए ऐसा सिद्धांत लिया गया है। पुस्तक मेले के मंच पर ही विशिष्ट लेखिका वाणी बसु को सम्मानित किया गया, साथ साथ ब्रिटिश हाई कमिश्नर और ब्रिटिश काउंसिल के प्रमुख अधिकारी का भी उन्होंने स्वागत किया। ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने ममता बनर्जी की कविता अंग्रेजी में पढ़कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।