कोलकाता : कोरोना के बाद हैजा वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल जल्द ही शुरू होने जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य विभाग और नाइसेड की संयुक्त पहल से देश में पहली बार हैजा ओरल वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल कोलकाता से शुरू होने जा रहा है। शुरुआती चरण में 30,000 लोगों को यह खुराक दी जाएगी। पहली खुराक के 1 सप्ताह से 6 सप्ताह बाद दूसरी खुराक लेनी होगा। इस वैक्सीन को दक्षिण कोरिया की एक कंपनी ने विकसित किया है। इस वैक्सीन का नाम ईयूविकोल है। केंद्र सरकार निर्माता कंपनी से वैक्सीन खरीदेगी।
परीक्षण सफल हुआ तो लगेगी वैक्सीन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई देशों में हैजा प्रभावित क्षेत्रों में पहले ही यह वैक्सीन लगाया जा चुका है। ट्रायल के लिए कोलकाता नगर निगम के टेंगरा, तपसिया, तिलजला, राजाबाजार, बेलेघाटा, पार्क सर्कस इलाके के चार-पांच वार्डों का चयन किया जा रहा है। वैक्सीन की प्रभावशीलता जांचने के लिए पहली खुराक मानसून से पहले दी जाएगी। यदि परीक्षण सफल रहा तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे हैजा प्रभावित राज्यों में वैक्सीन का उपयोग करने की योजना बनाई है।
1971 में हैजा से प्रभावित हुआ था बंगाल
मालूम हो कि 1971 में कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल में लाखों लोग हैजा से प्रभावित हुए थे। हालत को संभालने के लिए बेलेघाटा आईडी हॉस्पिटल के युवा डॉ. दिलीप महालनोबिस ने उन्हें पानी में नमक और चीनी मिलाकर पिलाया था। इसके बाद इसे ओआरएस के रूप में दुनिया के सामने जारी किया गया। अब एक फिर से कोलकाता के पांच वार्डों में बरसात से पहले हैजा के लिए वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो रहा है। देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञ दिलीप महालनोबिस ने शहर में हैजा को रोकने के लिए इस शोध की सफलता की आशा की है।