कोलकाता : नमक प्राचीनकाल से भोजन के स्वाद को बढ़ाने हेतु प्रयोग किया जाता रहा है। पुरानी पीढ़ी नमकीन, भुजिया, समोसे, पकौड़े, पूडिय़ों व कचौड़ियों का आनन्द लिया करती थी तो नई पीढ़ी पिज्ज़ा, बर्गर, वेफर्स, व नूडल्स की दीवानी है।भोज्य पदार्थ चाहे नये हों या पुराने, नमक के बिना तो उनकी कल्पना ही नहीं की जा सकती। मीठा खाए बिना रहना उतना कठिन नहीं है जितना नमक खाए बिना रहना है किन्तु नमक के अधिक उपयोग को उच्च रक्तचाप के मरीज़ों हेतु हानिकारक माना जाता है, इसलिए डॉक्टर उच्च रक्तचाप के मरीजों को नमक कम मात्रा में खाने की सलाह देते आए हैं।अब नवीन शोधों से पता चला है कि उच्च रक्तचाप के कुछ रोगी ऐसे भी होते हैं जिन्हें नमक कम या अधिक खाने से कोई अन्तर नहीं पड़ता। नमक कम करने से भी उनके रक्तचाप में कोई कमी नहीं आती। यह जानने के लिए कि आपका रक्तचाप किस श्रेणी में है, आप चार सप्ताह हेतु नमक कम खाकर देखें। यदि आपका रक्तचाप कम होता है तो आप उस श्रेणी में हैं जिन्हें अधिक नमक लेने से कठिनाई हो सकती है।आप किसी भी श्रेणी में हों, आपके लिए नमक सीमित मात्रा में खाना ही उचित होगा। इस हेतु आप कुछ उपाय अपना कर नमक की मात्रा पर काबू पा सकते हैं।
अधिक मात्रा में नमक का सेवन है खतरनाक… सीमित मात्रा में ही करें इसका सेवन…
● भोजन के साथ कुछ मात्रा में नमक लेना तो आवश्यक है किन्तु यदि आप अतिरिक्त नमक डालकर खाने के आदी हैं तो आप इस आदत को छोड़ने का प्रयास करें।
● भोजन के साथ दाल व सब्जियों को सीमित मात्रा में ही खायें।
● अचार, चटनी, पापड़ व सॉस का सेवन न करें। यदि छोड़ न सकें तो घर पर बनी कम नमक वाली चटनी ही खायें।
● बाजार के पापकॉर्न, वेफर्स, नमकीन, दालमोठ, गोलगप्पे आदि का सेवन न करें।
● बाजारी मक्खन, चीज़, पेस्ट्री, केक व आइसक्रीम में भी काफी मात्रा में सोडियम होता है, अत: इन्हें भी अपनी दैनिक दिनचर्या से निकाल दें।
● ताज़े फल आपके लिए लाभदायक हैं किन्तु डिब्बाबंद जूस और फलों में काफी सोडियम होता है।
● सलाद का सेवन लाभदायक है किन्तु सलाद पर केवल नींबू डाल कर खायें। नमक या कोई बाजारू सलाद ड्रेसिंग न डालें। ये छोटे-छोटे उपाय अपना कर आप अपने रक्तचाप को काबू में रख सकते हैं और इस सुप्त दानव के खतरों से बच सकते हैं।
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