कोलकाता: केंद्रीय चुनाव आयोग ने संजय मुखर्जी को पश्चिम बंगाल का नया डीजीपी नियुक्त किया है। आयोग ने लोकसभा चुनावों का ऐलान करने के बाद 18 मार्च को एक दिन पहले पश्चिम बंगाल के डीजीपी और छह राज्यों के गृह सचिवों को हटाने का आदेश दिया था। आयोग के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने आईपीएस विवेक सहाय को राज्य का नया डीजीपी नियुक्त किया था। अब आयोग ने राज्य सरकार के फैसले को बदलते हुए संजय मुखर्जी को डीजीपी नियुक्त किया है। एक ही दिन में दो बार बदले गये बंगाल के डीजीपी। अभी तक राज्य के डीजीपी की कमान आईपीएस राजीव कुमार के पास थी।
पिछले साल दौड़ में थे मुखर्जी
केंद्रीय चुनाव आयोग की संजय मुखर्जी को नया डीजीपी नियुक्त करने का आदेश जारी होने के बाद राज्य सरकार ने आर्डर जारी किया है। चुनाव आयोग ने अपने मेमो में कहा कि मुख्य सचिव शाम पांच बजे तक आयोग के आदेश को लागू करें। संजय मुखर्जी 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। पिछले साल जब राज्य सरकार ने जब आईपीएस राजीव कुमार को डीजीपी बनाया था तक संजय मुखर्जी डीजीपी बनने की दौड़े में थे। तब ऐसा माना गया था कि वे पश्चिम बंगाल के तत्कालीन डीजीपी मनोज मालवीय का स्थान लेंगे, लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ था और कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार को सरकार ने डीजीपी बनाया था।
डीजी फायर थे मुखर्जी
अभी तक 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी पश्चिम बंगाल में डीजी फायर का काम देख रहे थे। आयोग के आदेश के बाद राज्य सरकार ने राज्य ने विवेक सहाय, संजय मुखर्जी, राजेश कुमार का नाम प्रस्तावित किए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने विवेक सहाय को डीजीपी बना दिया था। अब आयोग ने सरकार की तरफ से भेजे गए नामों पर अपनी अंतिम मुहर लगाई है। आयोग के इस फैसले के बाद विवेक के नाम के आगे राज्य के एक दिन के डीजीपी की उपाधि लग गई। ऐसी संभावना है कि उन्होंने सबसे कम समय तक डीजीपी का कार्यभार संभाला।
क्या संजय मुखर्जी बने डीजीपी?
राज्य सरकार के फैसले को पलटने के पीछे चर्चा है कि विवेक 31 मई को रिटायर हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव की पूरी प्रक्रिया 4 जून को खत्म हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इसीलिए आयोग ने संजय मुखर्जी के नाम पर अपनी मुहर लगाई है। राज्य में विपक्ष की तरफ से डीजीपी रहे राजीव कुमार को हटाने की मांग आयोग से की गई थी।