सेंट्रल फोर्स एक्शन में, नवान्न में हुई अहम बैठक | Sanmarg

सेंट्रल फोर्स एक्शन में, नवान्न में हुई अहम बैठक

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22 जिलों में नोडल अफसर नियुक्त
प्रशासन के साथ मिलकर काम, मगर इमरजेंसी में पुलिस का इंतजार नहीं
मीडिया से भी कहा, ​हिंसा की खबर हो तो बतायें
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हाल में संपन्न पंचायत चुनाव के बाद अब अर्द्धसैनिक बल एक्शन में आ गयी है। दरअसल, कोलकाता हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि 21 जुलाई तक राज्य में 822 कंपनी केंद्रीय वाहिनी की तैनाती रखनी होगी। बीएसएफ के आईजी सतीश चंद्र बुड़ाकोटी ने हर जिले में नोडल ऑफिसर की नियुक्ति कर दी है। सांवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, केंद्रीय वाहिनी राज्य में पुलिस की बात सुनकर चलने को बाध्य है। इस बारे में बीएसएफ के डीआईजी पीआरओ (ईस्टर्न कमांड) एस. एस. गुलेरिया ने सन्मार्ग से कहा, ‘हमारे नोडल ऑफिसर स्थानीय पुलिस के साथ सामंजस्य कर काम करेंगे। किसी गांव का व्यक्ति अगर किसी नोडल ऑफिसर से संपर्क करता है तो उस इलाके में बीएसएफ के जवानाें के साथ पुलिस भी जायेगी। जहां भी बीएसएफ के जवान जायेंगे, वहां पुलिस रहेगी। हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार 22 तारीख तक विभिन्न इलाकों में जवानों की तैनाती रहेगी।’ इधर, बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि अगर कहीं स्थानीय पुलिस साथ जाने को तैयार नहीं होती है और किसी को तुरंत मदद की आवश्यकता है तो फिर ऐसे में पुलिस का इंतजार नहीं किया जायेगा और बीएसएफ खुद प्रभावित क्षेत्र की ओर मूव करेगी।
इधर, नवान्न में मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक मुख्य रूप से केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर हाई कोर्ट के आदेश पर हुई। मुख्य सचिव एच के द्विवेदी ने जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर खास दिशा निर्देश दिया है। चुनाव बाद हिंसा पर दोपहर एक बजे से विभिन्न जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने मुख्य सचिव के साथ आपात बैठक की। करीब एक घंटे तक चली बैठक में मुख्य सचिव ने आदेश दिया कि चुनाव के बाद हिंसा ना हो यह सुनिश्चित किया जाये। उन सभी क्षेत्रों में कड़ी निगरानी की आवश्यकता होगी जहां चुनाव के बाद हिंसा होने की संभावना है
मीडिया से भी की गयी अपील
यूं तो बीएसएफ स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा, मगर इसके बावजूद बीएसएफ द्वारा मीडिया से अपील की गयी है कि किसी तरह की हिंसा की खबर होने पर सूचित करें। मीडिया से अपील की गयी है, ‘प्रिय मीडिया के बंधु, चूं​कि आपके प्रतिनिधि ग्राउंड जीरों में चुनाव के समय में थे और आप लोग विभिन्न पार्टियों के विभिन्न लोगों से संपर्क में रहे, तो अगर चुनाव बाद हिंसा को लेकर कोई घटना आपकी जानकारी में हो या कोई तथ्य पाते हैं तो हमारी टीम को बतायें। राज्य के हर जिले में ब्लॉक स्तर पर केंद्रीय वाहिनी की तैनाती की जा रही है। आप लोग विभिन्न प्रांताें से खबर देकर सहयोग करें।’
यहां उल्लेखनीय है कि गत बुधवार को कोलकाता हाई कोर्ट में पंचायत मामले की सुनवाई के समय केंद्रीय वाहिनी की तैनाती को लेकर सवाल उठे थे। उस समय बीएसएफ के नोडल ऑफिसरों द्वारा कहा गया था कि चुनाव के दिन केंद्रीय वाहिनी की तैनाती को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने असहयोग किया था। चुनाव के दिन दोपहर तक संवेदनशील बूथों की सूची नहीं दी गयी थी। इसे लेकर भी बीएसएफ के आईजी ने चुनाव के दिन राज्य चुनाव आयोग को चिट्ठी दी थी, लेकिन चुनाव आयोग से जवाब मिला था कि जिला पुलिस से सूची लेने के बारे में उन्हें पहले ही बता दिया गया था। इसमें आयोग की कोई जिम्मेदारी नहीं है। इन सब आरोप-प्रत्यारोपों के बीच अब जिलावार नोडल ऑफिसरों की नियुक्ति की गयी है।

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