साइबर ठगों से सुप्रीम कोर्ट भी परेशान, जारी की 15 फिशिंग साइट की सूची | Sanmarg

साइबर ठगों से सुप्रीम कोर्ट भी परेशान, जारी की 15 फिशिंग साइट की सूची

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सरकारी वेबसाइट की तरह दिखने वाली फिशिंग वेबसाइट चुरा सकती हैं निजी डेटा
नयी दिल्ली : साइबर अपराधियों से आम आदमी ही नहीं देश का सर्वोच्च न्यायालय भी त्रस्त है। शीर्ष न्यायालय ने एक सार्वजनिक सूचना जारी कर कहा है कि उस पर साइबर ठगों ने ‘फिशिंग’ हमला बोला है।
सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने एक पब्लिक नोटिस जारी करते हुए फर्जी वेबसाइट को लेकर लोगों को आगाह किया है। नोटिस में बताया है कि साइबर ठग शीर्ष न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट की नकल कर लोगों को चूना लगा सकते हैं। रजिस्ट्री ने ऐसी 15 वेबसाइटों की सूची बनायी है, जो उसकी वेबसाइट से मिलती-जुलती यूआरएल बनाकर लोगों को धोखा दे रहे हैं और शीर्ष न्यायालय की वेबसाइट से भी जजों और न्यायालय की निजी और गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने की कोशिश कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट निजी जानकारी नहीं मांगता
रजिस्ट्री ने कहा है कि सरकारी वेबसाइट की तरह दिखने वाले फिशिंग वेबसाइट आपका निजी डेटा चोरी कर सकती हैं और साइबर अपराध को अंजाम दे सकते हैं। रजिस्ट्री ने ऐसी फर्जी वेबसाइट पर क्लिक नहीं करने की सलाह दी है। अपनी एडवाजरी में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह कभी भी किसी यूजर से उनकी निजी जानकारी, वित्तीय जानकारी आदि नहीं मांगता है। ऐसे में अगर कोई वेबसाइट ऐसी जानकारी मांगती है तो सतर्क रहें।
फर्जी वेबसाइट पर क्लिक नहीं करें
पिछले साल तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने भी लोगों को उच्चतम न्यायालय के नाम पर चल रही फर्जी वेबसाइटों से बचकर रहने के लिए कहा था। इस बार भी शीर्ष न्यायालय रजिस्ट्रार (टेक्निकल) एच एस जग्गी के हस्ताक्षर से जारी इस सार्वजनिक सूचना में बताया गया है कि उच्चतम न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट जीओवी डॉट इन है। यह वेबसाइट कभी भी लोगों से उनकी निजी, वित्तीय या गोपनीय जानकारी बताने को नहीं कहती। न्यायालय ने इस बारे में पुलिस और संबंधित एजेंसियों को भी जानकारी दे दी है।

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