ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुरी में श्रीमंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इसके लिए ओडिशा में बुधवार 17 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। यहां 800 करोड़ रुपये की लागत से हेरिटेज कॉरिडोर विकसित किया गया है। बुधवार से भगवान जगन्नाथ मंदिर का परिक्रमा कॉरिडोर खोल दिया गया।
पुरी : वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन में महाकाल मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर सज-धज कर तैयार हो गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया। मंदिर को दिव्य और भव्य बनाने के लिए परिसर के चारों तरफ परिक्रमा कॉरिडोर विकसित किया गया है। इसे 800 करोड़ की लागत से डेवलप किया गया है। 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के आसपास 800 मीटर का पुनर्विकास किया गया है। यहां आने वाले भक्तों को बड़ी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। चारधाम में से एक ओडिशा में पुरी का जगन्नाथ मंदिर है। यहां भगवान जगन्नाथ यानी श्रीकृष्ण, अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं।
‘महीनेभर रोज 10 हजार श्रद्धालु बुलाने का टारगेट’
ओडिशा सरकार ने हेरिटेज कॉरिडोर श्री मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट को लेकर खास तैयारी की है। सरकार का प्लान है कि यहां महीनेभर रोज करीब 10 हजार श्रद्धालुओं को जुटाया जाए। नवीन पटनायक सरकार ने जिला कलेक्टरों को 22 जनवरी से प्रत्येक पंचायत और नागरिक निकाय से पुरी तक भक्तों के आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस उद्देश्य के लिए विशेष बजट आवंटित किया गया है।
मंदिर में मिलेंगी श्रद्धालुओं को ये नई सुविधाएं
पुरी को फूलों, रोशनी और भित्तिचित्रों से सजाया गया है। इस परियोजना में तीर्थयात्रियों की आवाजाही सुगम बनाने के लिए पार्किंग क्षेत्र, पुल, सड़क, तीर्थयात्रा केंद्र, टॉयलेट सुविधाएं, क्लॉकरूम, शौचालय और जगन्नाथ मंदिर के आसपास आगंतुकों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित की गई हैं। इसे तीन साल में पूरा किया गया है। प्रोजेक्ट को लेकर यहां भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती थी।
‘पहले 30 मिनट का वक्त लगता था, अब 10 मिनट में पहुंचेंगे’
चूंकि, जगन्नाथ मंदिर के आसपास चारों ओर 19 मठ भी हैं, जो बेहद ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। महीनेभर के अंदर ही करीब 26 एकड़ जमीन अधिग्रहीत कर ली गई थी। सीएम पटनायक ने नवंबर 2021 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। पहले मंदिर तक पहुंचने में 30 मिनट से ज्यादा वक्त लगता था, यानी पुरी के आधे हिस्से से होकर गुजरना पड़ता था, लेकिन अब पुरी बाइपास रोड से एक नया रास्ता तैयार किया गया है, जिससे यात्रा का समय घटकर सिर्फ 10 मिनट का रह गया है। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा के अंत में सुनाबेशा देखने के लिए भी करीब एक लाख श्रद्धालु शामिल आ सकते हैं। पहले जगह कम होने से कुछ हजार लोग ही हिस्सा ले पाते थे।
‘रेलवे स्टेशन भी पुनर्विकसित किया जा रहा है’
जगन्नाथ पुरी का रेलवे स्टेशन भी रिडेवलप किया जा रहा है। इसे 162 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है। ये जुलाई 2025 में बनकर तैयार हो जाएगा। स्टेशन को बनाने में कलिंगा मंदिर की वास्तुकला का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कई अन्य मंदिरों में भी सुविधा बढ़ाएगी ओडिशा सरकार
ओडिशा सरकार ने साल 2019 में पुरी जगन्नाथ मंदिर के हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट का एलान किया था। जिसके तहत सरकार ने मंदिर के चारों तरफ 75 मीटर के कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। ग्रीन बफर जोन, पैदल पथ, एक रिसेप्शन सेंटर, कल्चरल सेंटर, लाइब्रेरी, जगन्नाथ बल्लभ तीर्थ क्षेत्र का निर्माण किया गया है। साथ ही भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर, संबलपुर के समलेश्वरी मंदिर और बेरहमपुर के तारा तारिणी मंदिर में भी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।