Hathras Incident: मृतकों की संख्या 121 पर पंहुची, जांच के लिए Supreme court में मामला हुआ दर्ज

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नयी दिल्ली: हाथरस में मची भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में बुधवार को एक याचिका दायर की गई। आपको बता दें कि हाथरस में मंगलवार को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ की इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में इस घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और लापरवाही बरतने के लिए अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है। याचिका में सभी राज्य सरकारों को भी यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वे भगदड़ की घटनाओं से निपटने के लिए ब्लॉक/तहसील से लेकर जिला स्तर तक उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति की जानकारी दें। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मची भगदड़ की घटना में 121 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में अधिकतर महिलाएं हैं। अधिकतर अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई। हाल के वर्षों में हुई यह इस प्रकार की सबसे बड़ी त्रासदी है। हाथरस जिले के फुलरई गांव में प्रवचनकर्ता बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के कार्यक्रम में ढाई लाख से अनुयायी एकत्र हुए थे।


दम घुटने से हुई थी कई लोगों की मौत…

बता दें क‌ि जांच से पता चला कि भगदड़ के दौरान अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई। पोस्टमार्टम के लिए पड़ोसी जिले एटा में भेजे गए शवों की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने यह जानकारी दी। हाथरस के फुलरई गांव में मंगलवार को हुई भगदड़ के बाद एटा के जिला अस्पताल के शवगृह में 27 शव लाए गए थे जबकि कुछ शवों को अलीगढ़ सहित आसपास के इलाकों के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया। राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार घटना में 121 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। एटा के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। राम मोहन तिवारी ने बताया ‘यहां लाए गए 27 शवों में से 19 का पोस्टमार्टम हो चुका है जबकि कर्मचारी आधी रात के आसपास 20वें शव का पोस्टमार्टम करने की तैयारी कर रहे थे।’ उन्होंने बताया कि छह शवों की पहचान होना बाकी है। तिवारी ने कहा ‘लगभग सभी मामलों में मौत का कारण दम घुटना पाया गया।’ उन्होंने बताया कि मृतकों में अधिकांश 40-50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं हैं। सिंह ने बताया कि शवों की पहचान हो जाने के बाद प्रक्रिया पूरी करके उन्हें उनके परिवारों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं। इस मामले में पुलिस ने मुख्य सेवादार समेत आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि आयोजकों ने प्रशासन को 80 हजार लोगों के आने की सूचना दी थी जबकि सत्संग में ढाई लाख लोग पहुंच गए। सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ के प्रवचन के बाद जब वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया जिससे भगदड़ मच गई।

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