नई दिल्ली : दो दिन बाद नवरात्रि शुरू होने वाली है। इसके लिए सभी देवी मंदिरों और तीर्थस्थलों में तेजी से तैयारियां हो रही हैं। मंदिरों में आने वाले भक्तों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के साथ कई अन्य तरह जरूरी प्रबंध किये जा रहे हैं। इसमें खास तौर पर भक्तों के पहनावे को लेकर खास निर्देश जारी किये गये हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बार वैष्णो देवी का दर्शन करने आने वाले भक्तों को मंदिर परिसर में शालीन वस्त्र पहनकर ही आने का निर्देश दिया गया है। श्राइन बोर्ड प्रशासन ने अपने निर्देश में कहा है कि दर्शन के समय और अटका आरती में शामिल होते समय भक्तों को निक्कर, कैप्री, टी-शर्ट आदि पहनने से मना किया गया है।
जानकारी देने के लिए सूचना बोर्ड भी लगाए गये हैं
इसको सख्ती से पालन कराने के लिए बोर्ड प्रशासन की ओर से जगह-जगह पर सूचना बोर्ड लगाया गया है। कई जगह इसको लाउडस्पीकरों से एनाउंस भी किया जा रहा है। बोर्ड प्रशासन ने साफ किया है कि इसका पालन नहीं करने वाले भक्तों को दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे भक्तों को दिव्य आरती में भी शामिल नहीं होने दिया जाएगा। शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से आरंभ होने वाली है। सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्रि का पर्व साल में दो बार होता है। एक चैत्र महीने में और दूसरा आश्विन या क्वार महीने में आता है। इस बीच गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की और त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर स्थित मंदिर में एक ‘स्काईवॉक’ और पुनर्निर्मित पार्वती भवन का उद्घाटन किया। वह जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मंदिर गये। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अंशुल गर्ग ने मुर्मू को परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी।