नई दिल्ली: इस साल दिवाली का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। हर साल सर्दी के दौरान हो रहे प्रदूषण का सारा ठीकरा पटाखों पर ऐसे फोड़ा गया कि पटाखे फोड़ना ही बैन कर दिया गया। हालांकि इस साल प्रदुषण ने दिल्ली-एनसीआर में दीवाली के पटाखों से पहले ही रिकॉर्ड तो़ड़ दिया है। पटाखों से प्रदूषण के अलावा आग से झुलने का रिस्क भी होता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में बर्न के मामलों में पटाखों से ज्यादा दूसरे चीज का रिस्क भी है।
हर साल दीपावली पर आग लगने से झुलसने वाली कई घटनाएं सामने आती है। आमतौर पर दीपावली के उत्साह के दौरान हम सबका ध्यान पटाखे जला रहे बच्चों पर होता है, ताकि उन्हें फायर बर्न का सामना न करना पड़े। बता दें कि पटाखों से ज्यादा खौफनाक दीयों और मोमबत्तियों से लगने वाली आग होती है।
पिछले साल इतने लोगों की हुई मौत
साल 2022 में दिवाली के दौरान 9 लोग गंभीर रूप से झुलसे हुए हालत में एम्स की एमरजेंसी में लाए गए, इनमें से 7 को नहीं बचाया जा सका। लेकिन ज्यादातर लोग दीयों से कपड़े या घर में लगी आग की चपेट में आए थे। कुल मामलों में से तकरीबन 70 फीसदी दीयों से जलने वालों के थे और 30% मामले पटाखों से झुलसने के थे।
दीये से जलने के ज्यादा मामले
एक रिपोर्ट के मुताबिक एम्स के बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड डॉ. मनीष सिंघल के मुताबिक पटाखों से बड़ी आग कम लगती है, हाथ झुलसने या पैर पर लगने के हादसे ज्यादा होते हैं लेकिन दिये जलाने में, पूजा के वक्त कपड़ों के उसकी चपेट में आने से ज्यादा नुकसान हो रहा है।
आग लगने पर क्या करें?
1. कंबल या गर्म कपड़े का इस्तेमाल करने से बचें
दरअसल कंबल हीट को सोखता है जिससे शरीर में गर्मी बनी रहती है और इंसान ज्यादा झुलस सकता है।
2. इन चीजों को उतार दें
अगर आपने ज्वैलरी, बेल्ट या कोई और कसी हुई चीज पहनी है तो उसे तुरंत शरीर से अलग कर दें।
3.पानी का इस्तेमाल करें
जली हुई जगह पर साफ पानी डालें और तुरंत अस्पताल पहुंचें।
दिवाली पर इस तरह करें बचाव
1. दीपावली पर ढीले सूती कपड़े पहनें।
2.सिंथेटिक कपड़े ज्यादा नुकसान करते हैं, इसलिए इससे परहेज करें।
3. दियों और मोमबत्ती को सही सतह पर रखें, जहां से वो गिरें नहीं।
4. बिजली के तारों या खंभों के पास दिये या पटाखे ना जलाएं।