कोलकाता के रेप-मर्डर मामले में आरोपी संजय रॉय ने नया दावा किया है कि 8 अगस्त की रात वह गलती से सेमिनार रूम में घुस गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, संजय ने पॉलीग्राफ टेस्ट में सीबीआई को बताया कि उसने एक मरीज की खराब हालत की वजह से डॉक्टर को ढूंढने की कोशिश की थी, और इसी दौरान वह थर्ड फ्लोर पर स्थित सेमिनार रूम में पहुंच गया। वहां उसे ट्रेनी डॉक्टर की लाश पड़ी मिली। उसने शरीर को हिलाया लेकिन कोई प्रतिक्रिया न देखकर घबराकर बाहर भाग गया।
संजय का कहना है कि उसकी इस भागने के दौरान किसी चीज से टकराने पर उसका ब्लूटूथ डिवाइस गिर गया। उसने यह भी बताया कि वह डॉक्टर को पहले से नहीं जानता था और उस रात अस्पताल के गेट पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे, जिससे कोई उसे रोक नहीं सका।
कोलकाता के प्रेसीडेंसी जेल में 25 अगस्त को संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। इस टेस्ट में सीबीआई और सेंट्रल फॉरेंसिक टीम ने संजय से तीन घंटे तक सवाल-जवाब किए। अब तक कुल 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा चुका है, जिनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, एएसआई अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और दो गार्ड्स शामिल हैं।
इस बीच, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि पीड़िता के माता-पिता को नजरबंद किया गया है और उन्हें घर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। चौधरी का कहना है कि पुलिस ने पीड़िता के परिवार को पैसे की पेशकश की थी ताकि वे अपनी बेटी का अंतिम संस्कार जल्दी कर सकें, जो कि राज्य सरकार के निर्देश पर किया गया था।
वायरल हो रही तस्वीरों में घटना स्थल पर कई लोगों को दिखाया गया है, जिनमें एफएसएल स्टाफ, पुलिस अधिकारी और अन्य जांच अधिकारी शामिल हैं। तस्वीरें सोशल मीडिया पर फैल गई हैं, और दावा किया जा रहा है कि इनमें से कुछ लोग जांच के बाद घटना स्थल पर पहुंचे थे। सीबीआई ने 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताई थी। हालांकि, कोलकाता पुलिस का कहना है कि ये तस्वीरें 9 अगस्त को तब ली गईं जब जांच पूरी हो चुकी थी और क्राइम सीन से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी।