अब नेपाल में MDH-एवरेस्ट मसालों पर बैन लगा | Sanmarg

अब नेपाल में MDH-एवरेस्ट मसालों पर बैन लगा

नई दिल्ली : सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद अब नेपाल ने भी भारत के दो मसाला ब्रांड एवरेस्ट और एमडीएच की बिक्री, खपत और आयात पर रोक लगा दी है। नेपाल के खाद्य प्रौद्योगिकी एवं गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के प्रवक्ता मोहन कृष्ण महारजन ने कहा, ‘नेपाल में आयात किए जा रहे एवरेस्ट और एमडीएच ब्रांड के मसालों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मसालों में हानिकारक केमिकल के अंश पाए जाने की खबर आने के बाद एक हफ्ते पहले आयात पर प्रतिबंध लगाया गया था और हमने मार्केट में भी इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन दो ब्रांड्स के मसालों में केमिकल के लिए जांच चल रही है। अंतिम रिपोर्ट आने तक प्रतिबंध लागू रहेगा।’
इससे पहले अप्रैल महीने में सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग ने एमडीएच और एवरेस्ट दोनों कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड की लिमिट से ज्यादा मात्रा होने के कारण उन्हें बैन किया था। इन प्रोडक्ट्स में इस पेस्टिसाइड की ज्यादा मात्रा से कैंसर होने का खतरा है।

हॉन्गकॉन्ग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कहा था कि एमडीएच ग्रुप के तीन मसाला मिक्स- मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा पाई गई है। एवरेस्ट के फिश करी मसाला में भी यह कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड पाया गया है।

भारतीय मसालों का रिजेक्शन रेट बेहद कम- वाणिज्य मंत्रालय

15 मई को वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय मसालों का रिजेक्शन रेट बेहद कम है। वहीं, निर्यात सैंपल की विफलता भी कम है। मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था,’हमारी ओर से प्रमुख देशों को निर्यात किए गए मसालों की कुल मात्रा के मुकाबले अस्वीकृति दर 1% से भी कम है।’ उन्होंने कहा कि मंत्रालय रिकॉल और अस्वीकृति आंकड़ों पर नजर रखता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा था कि वित्त वर्ष 24 में भारत ने लगभग 14.15 मिलियन टन मसालों का निर्यात किया, जिसमें से केवल 200 किलोग्राम के मसाले की एक छोटी मात्रा को ही वापस मंगाया गया।

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