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कोलकाता : तृणमूल से दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण को लेकर गतिरोध के बीच राज्यपाल सी. वी. आनंदा बोस के कार्यालय ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उनके उस बयान के लिए आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाएं राजभवन जाने में कथित तौर पर असुरक्षित महसूस करती हैं। राजभवन ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे ‘गलत धारणा’ न बनाएं। सूत्रों के मुताबिक सीएम तथा तृणूमल के इस बयान के खिलाफ राज्यपाल मानहानी के तहत न्यायालय जा सकते हैं। राजभवन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘जनप्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे संविधान का सम्मान करें तथा ऐसी गलत धारणाएं बनाने से बचें, जिससे राज्यपाल पर आक्षेप लग सकता है।’ मुख्यमंत्री बनर्जी ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि बोस को शपथ ग्रहण प्रक्रिया में बाधा डालने का कोई अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्हें महिलाओं की ओर से शिकायतें मिली हैं, जो राजभवन में कुछ गतिविधियों की खबरों के बाद वहां जाने में असुरक्षित महसूस कर रही हैं। मई में राजभवन की एक महिला कर्मचारी की शिकायत पर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया था, जिसमें उसने राज्यपाल पर ‘छेड़छाड़’ करने का आरोप लगाया था। हालांकि बोस ने आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए खारिज कर दिया था।