नियुक्ति में कोई घोटाला बर्दाश्त नहीं किया जायेगा : राज्यपाल | Sanmarg

नियुक्ति में कोई घोटाला बर्दाश्त नहीं किया जायेगा : राज्यपाल

दो वीसी हैं दूसरे राज्यों के
राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री का जेल में होना वेदनापूर्ण
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : आचार्य के तौर पर राज्यपाल के अधिकारों के मुद्दों पर जहां उच्च शिक्षा विभाग सुप्रीम कोर्ट में जाने पर विचार कर रहा है तो वहीं विश्वविद्यालय में स्वच्छता के साथ अध्यापक नियुक्ति के उद्देश्य से अन्य राज्यों के विशेषज्ञों को लाने की बात राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने कही। सोमवार को सॉल्टलेक के मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में यूनिवर्सिटी कोऑर्डिनेशन सेंटर (यूसीसी) और विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों के साथ बैठक में राज्यपाल पहुंचे थे। राज्यपाल द्वारा नियुक्त 17 विश्वविद्यालयों के वीसी बैठक में शामिल हुए थे। यहां राज्यपाल ने स्पष्ट कहा कि नियुक्ति में किसी तरह का घोटाला बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। विश्वविद्यालयों में स्वच्छ तौर पर शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी। यह काफी वेदनादायक है कि राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री शिक्षक नियुक्ति में घोटालों के आरोपों के कारण जेल में हैं। ऐसा कुछ फिर नहीं हाेना चाहिये।

बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये

‘डू एण्ड डेयर’ के नारे पर विश्वविद्यालयों में काम होगा। राज्यपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भी स्टूडेंट एक्सचेंज किये जायेंगे। इसके अलावा अकादमिक इण्डस्ट्री कमेटी भी तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार, स्टेक होल्डर एक साथ काम करेंगे। कार्यक्रम के दौरान भाषण में राज्यपाल ने कहा ​कि दो वीसी बाहर के हैं। एक गुजरात से और एक वीसी यूपी के हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये। तय किया गया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की शून्यता को भरा जायेगा। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में पीस रूम में एंटी करप्शन सेल खोला गया है। विश्वविद्यालय में भर्ती प्रणाली में किसी तरह के घोटाले के बारे में पता चलने पर यहां संपर्क किया जा सकता है। विश्वविद्यालय से भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करना होगा। समय सीमा के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करनी होगी। राज्यपाल ने कहा कि बैठक में कई वीसी ने अपील की कि भर्ती प्रक्रिया के लिये बाहर से विशेषज्ञ होने चाहिये। इस मुद्दे पर गौर किया जा रहा है।

स्वायतता पर नहीं होना चाहिये किसी का अतिक्रमण

विश्वविद्यालय स्वायत्त होते हैं और उनकी स्वायतता पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं होना चाहिये। संविधान का सम्मान करते हुए वीसी को कानून के तहत काम करना चाहिये। राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में मुख्य समस्या है कि यहां फैकल्टी की सुविधाओं का विकास काफी कम हुआ है। ऐसे में फैकल्टी इम्प्रूवमेंट कार्यक्रमों पर अधिक जोर दिया जायेगा। ‘आमने-सामने’ कार्यक्रम लांच किया जायेगा। अगर किसी छात्र या किसी युवा को कोई समस्या है ताे वह राज्यपाल से मिलकर मुद्दे पर बात कर सकता है। रोजाना सुबह 5.30 से 6.30 बजे तक राज्यपाल अपने हेडर्क्वाटर में रहेंगे जहां स्टूडेंट्स उनसे मिल सकेंगे।

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