Kolkata Local Train : कोलकाता लोकल से करते हैं सफर तो ये खबर आपके लिए….रेल यात्रियों की परेशानी…. | Sanmarg

Kolkata Local Train : कोलकाता लोकल से करते हैं सफर तो ये खबर आपके लिए….रेल यात्रियों की परेशानी….

हावड़ा : दक्षिण पूर्व रेलवे जिसका एक हिस्सा बंगाल के हावड़ा में अधिक पड़ता है। इसके तहत हावड़ा का न्यू कॉम्प्लेक्स, सांतरागाछी, शालीमार, सांकराइल, आंदुल, पांसकुड़ा व खड़गपुर समेत कई महत्वपूर्ण स्टेशन आते हैं। जहां से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। मगर इनके लिए यह सफर अंग्रेजी का बन जाता है अर्थात अपनी रोजमर्रा के जीवन में केवल अपने गंतव्य तक पहुंचने में लोगों को कष्ट सहना पड़ता है। दरअसल हम यहां बात कर रहे हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे के ​डिविजन से छूटनेवाली ट्रेनों की लेटलतीफी की। इसमें लोकल, एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों के देरी से आम यात्रियों को भीषण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों के लिए केवल 30 मिनट का सफर 3 घंटे का हो जाता है जब ट्रेन आकर कारशेड में घंटों रूक जाती है। यह कारशेड में क्यों रूकती है। यह किसी भी यात्री को जानकारी नहीं होती है। वह केवल इंतजार में ही अपना समय बिता दे रहे हैं। केवल यह ही समस्या नहीं है बल्कि लोकल ट्रेेनें स्टेशनों पर भी देरी से आ रही है।

यहीं नहीं किसी न किसी कारणवश कोई न कोई ट्रेनें रोजाना रद्द रहती है। इससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में सन्मार्ग ने दपूरे के ट्रेनाें में सफर करनेवाले कुछ यात्रियों से बातचीत की और उनकी परेशानियों को जाना।

सफर करने में रूह कांप जाती है : कोलकाता के कार्यालय में कार्यरत संजीव कुमार राय ने कहा कि उनका घर आंदुल स्टेशन के निकट है। उनके घर से आंदुल की दूरी 5 मिनट जबकि हावड़ा स्टेशन की दूरी मात्र आधा घंटा है। परंतु इसी आंधे घंटे को पार करने में 3 घंटे लग जाते हैं। कहा जाये तो घर से कार्यालय जाने के लिए जब ट्रेन पकड़ने की बात आती है तो मानों रुह कांप जाती है।

उनका कहना है कि पहले ट्रेन आने में स्टेशन पर करीब 1 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगता है। पर ट्रेन जब आ जाती है तो उसे टिकियापाड़ा कारशेड में करीब 1.5 से 2 घंटे तक रोक दिया जाता है। उसके बाद ट्रेन धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। वहीं सांकराइल से हावड़ा सफर करनेवाले मोहित चौबे ने कहा कि उनकी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन थी जो कि उन्हें हावड़ा से लेनी थी। मगर लोकल ट्रेनों की देरी की वजह से छूट गयी।

एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों में भी होती है देरी : हावड़ा से बंगलुरू सफर करनेवाली यात्री उषा भरद्वाज ने कहा कि उनकी एसएमवीबी ट्रेन थी जो कि रात 11 बजे थी। परंतु ट्रेन आने में करीब डेढ़ घंटे देरी हुई। इसके बाद ट्रेन रात 12.30 बजे स्टेशन पर घुसी। इसके साथ ही पहले ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर 21 पर दिया गया था, बाद में अचानक से उसके प्लेटफार्म को बदलकर 22 कर दिया गया। इससे रात में यात्रियों को भीषण परेशानी हुई। इसी दौरान मुम्बई मेल को भी रद्द किया गया था। इसके कारण रात करीब 1 बजे यात्रियों ने यात्री सहायता केंद्र के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। यात्रियों का कहना है कि यह प्रदर्शन हर बार किया जाता है लेकिन रेलवे इस पर कोई काम नहीं करता है।

क्या कहना है दपूरे के सीपीआरओ का

इस बारे में दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ ओमप्रकाश चारण ने कहा कि लोकल ट्रेनों में जो देरी होती है। उसका कारण हावड़ा स्टेशन का पूर्व रेलवे डिविजन है, क्योंकि स्टेशन के प्लेटफार्म पर जब तक जगह नहीं मिलती है तब तक ट्रेन कारशेड में रहती है। जब ग्रीन सिग्नल मिलता है तब जाकर लोकल आगे बढ़ती है। वहीं मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के विषय में उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर अगर एक्सप्रेस ट्रेन मुम्बई से हावड़ा में देरी से आती है। उसकी सफाई की जाती है और जांच होती है। तब जाकर उसे दोबारा चलाने के लिए छोड़ा जाता है। इसमें थोड़ा समय लग जाता है।

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