भारत

आप भूल गए पर हम नहीं, आपका पैसा आपको वापस मिलेगा - प्रधानमंत्री

‘अनक्लेम्ड 78000 करोड़ हकदारों को लौटा रहे’

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को उच्च विकास और निम्न मुद्रास्फीति का मॉडल करार देते हुए शनिवार को कहा कि इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की 8.2 प्रतिशत की GDP वृद्धि दर दर्शाती है कि वह वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास इंजन बन रहा है। ऐसे समय में जब दुनिया अनिश्चितताओं से भरी है, भारत एक अलग ही लीग में नजर आ रहा है।

मोदी ने कहा कि सरकार देश के बैंकों के पास पड़े अनक्लेम्ड पैसों को उनके सही हकदारों के पास पहुंचाने का काम कर रही है। मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश में हमेशा से यह माना गया है कि सरकार को कुछ दे दिया, तो वह ‘वन वे ट्रैफिक’ है और वापस नहीं आता। देश के बैंकों में नागरिकों का लगभग 78,000 करोड़ रुपया अनक्लेम्ड या नी बिना दावे के पड़ा है।

बीमा कंपनियों के पास करीब 14,000 करोड़ रुपये, म्युचुअल फंड में 3,000 करोड़ रुपये और डिविडेंट के 9,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं। यह पैसा गरीब और मध्यम परिवारों के हैं, जिसके हैं वो तो भूल चुका है। सरकार देशभर में अब उनको ढूंढ रही है और उसके हकदार तक पहुंचने में जुटी हुई है।

स्पेशल कैंप लगाकर लौटा रहे पैसा

इस पैसे को असली मालिकों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने स्पेशल कैंप लगाने शुरू किये हैं। मोदी ने कहा कि अब तक करीब 500 जिलों में हम ऐसे कैंप लगाकर हजारों करोड़ रुपये असली हकदारों को दे चुके हैं। सरकार ‘मुद्रा योजना’ के तहत 37 लाख करोड़ का गारंटी-फ्री लोन दे चुकी है। इस राशि से नौजवानों को एंटरप्रेन्योर बनने का विश्वास मिला है। अब ठेले वालों को भी बिना गारंटी बैंक से पैसा दिया जा रहा है।

स्ट्रॉन्ग माइक्रो इकोनोमिक्स सिग्नल

मोदी ने कहा कि आज दुनिया अनिश्चितताओं से भरी हुई है लेकिन इस दौर में भी हमारा भारत अलग ही लीग में दिख रहा है। भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। दूसरी तिमाही में 8 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ रेट हमारी प्रगति की नयी गति का प्रतिबिंब है। भारत के सामर्थ्य का बड़ा हिस्सा एक लंबे समय तक अनटैप्ड रहा है।

पूर्वी भारत, नॉर्थईस्ट, हमारे गांव, टियर-2 और टियर-3 शहर, नारी शक्ति, यूथ पावर, स्पेस सेक्टर कितना कुछ है, जिसके फुल पोटेंशियल का इस्तेमाल पहले के दशकों में हो ही नहीं पाया। आज पू्र्वी भारत में अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। हमारे गांव, छोटे शहर भी आधुनिक सुविधााओं से लैस हो रहे हैं। छोटे शहर स्टार्टअप्स, एमएसएमई के केंद्र बन रहे हैं।

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