नई दिल्ली: आज सशस्त्र सेनाओं का ध्वज दिवस मनाया जा रहा है, जो 1949 से भारत में हर वर्ष 7 दिसंबर को आयोजित होता है। यह दिन हमारे वीर सैनिकों, वायुसैनिकों और नौसैनिकों के अदम्य साहस, बलिदान और समर्पण को सम्मानित करने का अवसर है। केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की कल्याणकारी योजनाओं के लिए दान संग्रह अभियान चलाया जाता है।
मोदी ने दी बधाई
इस वर्ष भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से दान देकर इस पहल को बढ़ावा दिया। उनके एक ट्वीट में साझा की गई तस्वीरें दिखाती हैं कि कैसे वे एक वायुसेना अधिकारी से ध्वज दिवस बैज प्राप्त कर रहे हैं। मोदी ने लिखा, "हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य को सलाम। उनका बलिदान राष्ट्र की रक्षा का प्रतीक है। सभी से अपील है कि उदारतापूर्वक दान करें।" यह दिन न केवल सैनिकों के सम्मान का प्रतीक है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है।
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन के विचार: एकता और कृतज्ञता का संदेश
आर्म्ड फोर्सेज़ फ्लैग डे के मौके पर, रक्षा मंत्रालय के एक डेलीगेशन ने, जिसका नेतृत्व एक्स-सर्विसमैन वेलफेयर डिपार्टमेंट की सेक्रेटरी सुश्री सुकृति लिखी ने किया, आज वाइस-प्रेसिडेंट एन्क्लेव में माननीय वाइस-प्रेसिडेंट श्री सी. पी. राधाकृष्णन को आर्म्ड फोर्सेज़ फ्लैग डे का लैपल पिन लगाया। माननीय वाइस-प्रेसिडेंट श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने अपनी पूरी एक महीने की सैलरी आर्म्ड फोर्सेज़ फ्लैग डे फंड में दी।
उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने भी इस अवसर पर ट्विटर पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा, "सशस्त्र सेनाओं का ध्वज दिवस हमें उन नायकों की याद दिलाता है जो सीमाओं पर डटे रहकर राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उनके परिवारों का कल्याण हमारा नैतिक कर्तव्य है। सभी देशवासियों से आग्रह है कि वे इस फंड में योगदान देकर उनके बलिदान का सम्मान करें।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आह्वान: दान से मजबूत बने राष्ट्र
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर सशस्त्र सेनाओं के ध्वज दिवस पर विशेष संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, "सशस्त्र सेनाओं के ध्वज दिवस पर हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य और बलिदान को सलाम। उनका साहस राष्ट्र की रक्षा करता है, और उनका निस्वार्थ सेवा हमें कभी न चुका सकने वाला ऋण चुकाने की याद दिलाता है। सभी से आग्रह है कि सशस्त्र सेनाओं के ध्वज दिवस फंड में उदारतापूर्वक योगदान दें। आपका समर्थन उनके समर्पण का सम्मान करता है और हमें मजबूत बनाता है।" सिंह ने दो तस्वीरें भी साझा कीं, जो सैनिकों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रमों को दर्शाती हैं।
राष्ट्र निर्माण में सैनिकों की भूमिका
सशस्त्र सेनाएं भारत की संप्रभुता की ढाल हैं। हाल के वर्षों में ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पर तैनाती जैसे उदाहरण उनके समर्पण को प्रमाणित करते हैं। उपराष्ट्रपति और रक्षा मंत्री के विचारों से स्पष्ट है कि सरकार सैनिकों के सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सभी नागरिकों से अपील है कि वे इस ध्वज दिवस पर दान देकर राष्ट्र सेवा में योगदान दें। यह न केवल सैनिकों का सम्मान होगा, बल्कि विकसित भारत के सपने को साकार करने का कदम भी।
ये भी पढ़ें:- गोवा नाइट क्लब अग्निकांड में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश