चेन्नई: तमिलनाडु में लोगों ने सुनामी की 21वीं बरसी पर इस हादसे में जान गंवाने वालों को याद किया और समुद्र तटों पर एकत्र होकर जल को दूध और फूल अर्पित किए। सुनामी प्रभावित गांवों के लोगों ने 2004 की विनाशकारी घटना में मारे गए मारे गए हजारों लोगों की याद में मौन जुलूस निकाले।
25 गांवों के लोगों ने मौन जुलूस निकाला
राज्य के नागपट्टिनम, कन्याकुमारी, कुड्डालोर और चेन्नई के तटीय क्षेत्रों में ऐसे आयोजन किए गए। ये स्थान सुमात्रा, इंडोनेशिया के पास हिंद महासागर में आए भूकंप के कारण उत्पन्न विशाल ज्वार लहरों से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। नागपट्टिनम जिले के 25 गांवों के लोगों ने मौन जुलूस निकाला।
8,000 से अधिक लोगों की गई थी जान
वहीं कन्याकुमारी, नागपट्टिनम, कुड्डालोर और चेन्नई में स्थित स्मारक स्थलों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। अनुमान है कि राज्य में सुनामी से 8,000 से अधिक लोगों की जान गई थी। चेन्नई में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पट्टिनमपक्कम-श्रीनिवासपुरम समुद्र तट पर लोगों के साथ मिलकर समुद्र को दूध अर्पित किया। बाद में उन्होंने स्थानीय मछुआरों को भोजन वितरित किया। पूर्व राज्य मंत्री ओ एस मनियन के नेतृत्व में अन्ना द्रमुक के सदस्यों ने अरोकट्टुथुराई में सुनामी पीड़ितों को पुष्पांजलि अर्पित की
उत्पत्ति और कारण
26 दिसंबर 2004 को सुबह इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पश्चिमी तट के निकट समुद्र में 9.1 तीव्रता का भयानक भूकंप आया। यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इससे हिंद महासागर में विशाल सुनामी लहरें उठीं, जो 30 मीटर तक ऊंची थीं और 800 किमी/घंटा की रफ्तार से तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ीं।
तबाही का पैमाना
इस सुनामी ने 14 देशों को प्रभावित किया, जिनमें इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत, थाईलैंड और मालदीव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। लगभग 2,30,000 लोगों की मौत हुई, लाखों लोग बेघर हो गए और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। इंडोनेशिया के आचे प्रांत में सबसे ज्यादा जानें गईं। भारत में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह बुरी तरह प्रभावित हुए।