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नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल को बड़ी राहत

गांधी परिवार को राहत: ईडी की चार्जशीट खारिज

दिल्ली: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 16 दिसंबर 2025 को नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि यह मामला निजी शिकायत पर आधारित है, न कि किसी अनुसूचित अपराध की एफआईआर पर। इसलिए PMLA के तहत जांच और अभियोजन शिकायत वैध नहीं है। कोर्ट ने ईडी की शिकायत खारिज कर दी, जिससे कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों को बड़ी राहत मिली।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत से शुरू हुआ। आरोप है कि कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को 90 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया, जिसे यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के माध्यम से संपत्तियों में बदल दिया गया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी है, जिसकी संपत्तियां करीब 2000 करोड़ रुपये की बताई जाती हैं। यंग इंडियन में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ईडी ने इसे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बताया था।

ईडी के आरोप और चार्जशीट

ईडी ने अप्रैल 2025 में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, दिवंगत मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस समेत यंग इंडियन कंपनी पर साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए। एजेंसी का दावा है कि कांग्रेस के ऋण को यंग इंडियन ने मात्र 50 लाख रुपये में एजेएल की संपत्तियां हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया। कोर्ट ने अब कहा कि बिना प्रेडिकेट ऑफेंस (मूल अपराध) की एफआईआर के पीएमएलए लागू नहीं हो सकता।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया और फैसले को सत्य की जीत करार दिया। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि यह साबित करता है कि मोदी सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही थी। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इसे लोकतंत्र की जीत बताया।

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