सोने की परत चढ़ी प्लेटों पर दुबारा ‘कोटिंग’ में वजन 4.5 किलो कम हो गया! 
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सबरीमला स्वर्ण विवाद: जमानत याचिका खारिज होते ही SIT ने श्रीकुमार को गिरफ्तार किया

अदालत ने कहा कि श्रीकुमार और जयश्री दोनों को इस बात की भली-भांति जानकारी थी कि प्लेट पर मूल रूप से सोने की परत चढ़ाई गई थी, लेकिन उन्होंने उन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जिनमें उन्हें तांबे का बताया गया था।

तिरुवनंतपुरम: सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर से सोना गायब होने के मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को टीडीबी के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एस श्रीकुमार को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। श्रीकुमार की गिरफ्तारी केरल उच्च न्यायालय द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के ठीक दो सप्ताह बाद हुई है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि उन पर लगे आरोप साबित हो चुके हैं।

जयश्री की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज

उनके साथ ही त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) की पूर्व सचिव एस जयश्री की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई। अदालत ने कहा था कि यदि दोनों आरोपियों को अग्रिम जमानत दी जाती है, तो मंदिर से सोना गायब होने की पूरी जांच धराशायी हो जाएगी और प्रभावी जांच की बात ‘अर्थहीन’ हो जाएगी।

श्रीकुमार और जयश्री की मिलीभगत

अदालत ने यह भी कहा था कि श्रीकुमार और जयश्री दोनों को इस बात की भली-भांति जानकारी थी कि प्लेट पर मूल रूप से सोने की परत चढ़ाई गई थी, लेकिन उन्होंने उन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जिनमें उन्हें तांबे का बताया गया था। अदालत द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारपाल (संरक्षक देवता) की प्रतिमाओं से जुड़ी सोने की परत चढ़ी प्लेट और श्रीकोविल (गर्भगृह) के दरवाजों की चौखटों से सोना गायब होने से संबंधित मामलों की जांच कर रहा है।

श्रीकुमार इन दोनों मामलों में गिरफ्तार होने वाले सातवें व्यक्ति हैं। उनसे पहले मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी और टीडीबी के पूर्व अध्यक्ष एन वासु और ए पद्मकुमार सहित छह अन्य लोगों को इन दोनों मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है।

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