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‘शांति विधेयक' विकसित भारत बनाने में मददगार होगा: सरकार

परमाणु प्रौद्योगिकी से कृषि उद्योग, खाद्य क्षेत्र तथा दूसरे क्षेत्रों को लाभ होगा और इस विधेयक की उपयोगिता परमाणु ऊर्जा से कहीं आगे तक है।

नई दिल्ली: परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी की अनुमति देने संबंधी विधेयक को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह विधेयक विकसित भारत बनाने में मददगार होगा। सिंह ने उच्च सदन में चर्चा करने एवं पारित करने के लिए ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’ को पेश करते हुए कहा कि आने वाले समय में यह मील का पत्थर साबित होगा।

‘आत्मनिर्भर भारत’ लक्ष्य के लिए आवश्यक

उन्होंने कहा कि दुनिया स्वच्छ ऊर्जा की तरफ बढ़ गयी है तथा बढ़ती ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह विधेयक महत्वपूर्ण है। उन्होंने उल्लेख किया कि परमाणु ऊर्जा को 100 गीगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जो फिलहाल आठ गीगावाट से अधिक है। सिंह ने कहा कि यह ऐतिहासिक विधेयक है और आने वाले समय में यह मील का पत्थर साबित होगा।

विधेयक 17 दिसंबर को लोकसभा में पारित किया गया

उन्होंने कहा कि परमाणु प्रौद्योगिकी से कृषि उद्योग, खाद्य क्षेत्र तथा दूसरे क्षेत्रों को लाभ होगा और इस विधेयक की उपयोगिता परमाणु ऊर्जा से कहीं आगे तक है। यह विधेयक 17 दिसंबर को लोकसभा में पारित हो गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 दिसंबर को इस विधेयक को मंजूरी प्रदान की थी।

देश का होगा कल्याण

विधेयक के उद्देश्यों और कारण के अनुसार, इसका मकसद परमाणु ऊर्जा के संवर्धन एवं विकास का प्रावधान करना, परमाणु ऊर्जा उत्पादन तथा स्वास्थ्य देखभाल, खाद्य, जल, कृषि, उद्योग, अनुसंधान, पर्यावरण, परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार के लिए इसका अनुप्रयोग सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य देश के लोगों के कल्याण के लिए, और इसके सुरक्षित उपयोग के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा और इससे संबंधित मामलों के लिए प्रावधान करना भी है।

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