मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले की गुरुवार को सराहना करते हुए कहा कि आतंकवाद न कभी भगवा था और न कभी होगा। वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस फैसले ने हिंदू समुदाय पर लगे कलंक को मिटा दिया है। 17 साल की लंबी लड़ाई के बाद, एक विशेष अदालत ने मालेगांव बम विस्फोट के मामले में सात कथित अभियुक्तों को बरी कर दिया है। यह सच है कि न्याय में देरी हुई, लेकिन यह एक बार फिर साबित हो गया है कि सत्य को कभी हराया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने उन देशभक्तों का स्पष्ट रूप से समर्थन किया है, जिन्हें मालेगांव विस्फोट मामले में झूठा फंसाया गया था।
कोई हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता : हिमंत
गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों की रिहाई का निर्णय एक बार फिर साबित करता है कि हिंदू आतंकवाद जैसा कोई शब्द मौजूद नहीं है और कोई हिंदू आतंकवादी हो ही नहीं सकता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 'हिंदू आतंकवाद' शब्द तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए गढ़ा गया था। शर्मा़ ने कहा कि हिंदू दर्शन, संस्कृति, सभ्यता या किसी भी धार्मिक ग्रंथ ने कभी किसी को आतंकवादी बनने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया है। हिंदू और आतंकवाद दो बिल्कुल विपरीत अवधारणाएं हैं और ये एक साथ नहीं चल सकतीं।
भगवा आतंकवाद के जनक दिग्विजय थे : उमा भारती भोपाल : मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि आज साध्वी प्रज्ञा निर्दोष साबित हुई है। उन्होंने उन्हें बधाई दी एवं न्यायालय का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में भगवा आतंकवाद की परिभाषा गढ़ी गई, जिसके जनक दिग्विजय सिंह थे और वह राहुल गांधी के इशारे पर यह काम कर रहे थे। पूरी दुनिया में हिन्दुत्व को बदनाम करने के लिए इस्लामिक आतंकवाद के मुकाबले में भगवा आतंकवाद शब्द गढ़ा गया और इसे प्रमाणित करने के लिए बेकसूर लोगों को शिकार बनाया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि इस मामले के सारे आरोपी तो बरी हो गए लेकिन जिन्होंने ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द गढ़ा था, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी।
‘हिंदू आतंकवाद' शब्द गढ़ने के लिए दिग्विजय माफी मांगें : मोहन यादव
भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मालेगांव विस्फोट प्रकरण में सभी आरोपियों का निर्दोष सिद्ध होना कांग्रेस की संकुचित मानसिकता पर करारा प्रहार है। ‘हिन्दू आतंकवाद’ जैसे विमर्श गढ़ने वाली कांग्रेस को सदैव याद रखना चाहिए कि हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। यह निर्णय सनातन धर्म, साधु-संतों एवं भगवा को अपमानित करने वाले लोगों को करारा जवाब है। कांग्रेस को सभी सनातनियों से माफी मांगनी चाहिए।
तो फिर मालेगांव विस्फोट का असली जिम्मेदार कौन ?
मुंबई : मालेगांव में 2008 में हुए विस्फोट मामले में पीड़ित परिवारों की मदद करने वाले एक संगठन ने सात आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की और जानना चाहा कि अगर वे लोग इस कृत्य में शामिल नहीं थे तो इसके लिए कौन जिम्मेदार था। संगठन ने यह भी कहा कि अदालत का फैसला घटना में मारे गए लोगों को न्याय दिलाने में विफल रहा है। विस्फोट के 17 साल बाद मुंबई की एक विशेष अदालत ने पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर और ले. कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी 7 आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ ‘कोई ठोस सबूत नहीं’ है।