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भारतीय सेना समय के साथ बदलाव के लिए प्रतिबद्ध : CDS जनरल चौहान

जनरल चौहान ने कहा कि भारत की ताकत मजबूत संस्थानों, लोकतांत्रिक स्थिरता और सशस्त्र सेनाओं की अडिग पेशेवर क्षमता पर आधारित है।

हैदराबाद: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान ने युद्ध और संघर्ष में एक बड़ी क्रांति के प्रारंभ होने का उल्लेख करते हुए शनिवार को कहा कि भारतीय रक्षा बल बदलते परिवेश के अनुकूल बनने और सुधारों को आत्मसात करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि वे हमेशा तैयार और प्रासंगिक बने रहें।

नया भारत सशक्त है

सीडीएस ने यहां डुंडिगल के पास वायुसेना अकादमी में आयोजित ‘216 कोर्स के कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड’ (सीजीपी) को संबोधित करते हुए यह बात कही। जनरल चौहान ने कहा कि भारत की ताकत मजबूत संस्थानों, लोकतांत्रिक स्थिरता और सशस्त्र सेनाओं की अडिग पेशेवर क्षमता पर आधारित है।

ऑपरेशन सिंदूर धीमा लेकिन जारी

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भले ही धीमा हो गया हो, लेकिन यह जारी है। उन्होंने कहा, “आप (नए अधिकारी) भी ऐसे समय में भारतीय वायु सेना में शामिल हो रहे हैं जब एक नयी सामान्य स्थिति पूरी तरह से स्थापित हो चुकी है। यह एक ऐसा युग है जिसमें चौबीसों घंटे उच्च स्तर की अभियानगत तत्परता की आवश्यकता है। ऑपरेशन सिंदूर भले ही धीमा पड़ गया हो, लेकिन यह जारी है।”

भारतीय सेना परिवर्तन के दौर में

जनरल चौहान ने कहा कि नए प्रशिक्षित अधिकारी ऐसे समय में भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल हो रहे हैं जब ये बल परिवर्तन के चरण में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एकीकृत संरचनाएं, संयुक्त संचालन और रक्षा में आत्मनिर्भर भारत की राष्ट्रीय पहल भारत की सैन्य शक्ति के भविष्य को आकार दे रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा बल बदलते परिवेश के अनुकूल बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारतीय सेना के हौसले बुलंदी पर हैं। और सबसे बड़ी बात की ओप्रेशन सिंदूर अभी भी खत्म नहीं हुआ है बस इसे विराम दी गई है। इन कारणों से सेना का हौसला चरम पर है और वो दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर क्षण उत्सुक रहती है।

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