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पूर्व इसरो अध्यक्ष ने कहा भारत 2047 में एक महाशक्ति होगा

भारत 2047 में एक महाशक्ति होगा जिसमें अंतरिक्ष प्रोद्यौगिकी का बड़ा योगदान होगा: सोमनाथ

देहरादून: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने कहा कि 2047 का विकसित भारत एक महाशक्ति के रूप में उभरेगा जिसमें अंतरिक्ष प्रोद्यौगिकी और विनिर्माण क्षेत्र का बड़ा योगदान होगा। सोमनाथ ने शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 71 वें अधिवेशन का उदघाटन करते हुए उक्त बातें कही।

विज्ञान और अध्यात्म क दूसरे के पूरक

इसरो के पूर्व प्रमुख ने कहा कि विज्ञान और अध्यात्म सह अस्तित्व में रह सकते हैं जैसे आस्था और वास्तविकता एक दूसरे के पूरक हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने गणित, खगोलविज्ञान, धातु विज्ञान, वास्तुकला और चिकित्सा क्षेत्र में अन्वेषण किया तथा हमारे आध्यात्मिक विषय में आधुनिक विज्ञान की अंतर्दृष्टि निहित है।

विश्व ने भारत को देखने का नजरिया बदला

सोमनाथ ने कहा कि सब जानते हैं कि भारत आगे बढ़ रहा है जिससे लोगों में एक नया विश्वास उभर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत को विश्व में एक अलग नजरिए देखा जा रहा है और यह इसलिए भी संभव हुआ है क्योंकि हम लोकतांत्रिक स्थिरता के स्तंभ हैं।उन्होंने कहा कि आज का भारत युवाशक्ति का भारत है जिसमें 25 प्रतिशत आबादी युवाओं की है और अगले 25 साल तक यही स्थिति रहेगी और यह हमारे लिए एक लाभ की स्थिति है।

युवा भारत को दूरदर्शी नेतृत्व

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब सरकार परमाणु क्षेत्र में भी निजी उद्यमियों को अनुमति देने जा रही है जिससे युवाओं के लिए एक नया अवसर पैदा होगा। उन्होंने कहा कि अब हरित प्रोद्यौगिकी में भी युवाओं को हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। इसरो के पूर्व प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-3 के जरिए भारत चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बना। उन्होंने कहा कि आदित्य एल-1 के जरिए हमने सूरज की तरफ भी कदम बढ़ा दिए हैं।

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