भारत

शून्यकाल के दौरान सांसद सुरेश शेटकार ने कैंसर स्क्रीनिंग की मांग की

लोकसभा में कैंसर नियंत्रण हेतु सभी लैब में जांच अनिवार्य करने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के जरिए जनजागरूकता बढ़ाने की अपील

नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस सांसद सुरेश शेटकार ने केंद्र सरकार से चार प्रमुख कैंसर – प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर – के लिए देशव्यापी अनिवार्य स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू करने की जोरदार मांग की है।

वर्तमान में देर से पता चल रहा कैंसर

सांसद ने सदन को बताया कि भारत में अभी तक सरकार द्वारा अनिवार्य जनसंख्या-आधारित कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम नहीं होने के कारण लाखों लोग तब तक अज्ञात रहते हैं जब तक कैंसर अंतिम चरण में नहीं पहुँच जाता। इससे मरीजों का इलाज मुश्किल हो जाता है और मृत्यु दर बहुत अधिक रहती है।

प्रारंभिक जांच से बचाई जा सकती हैं जानें

शेटकार ने वैज्ञानिक प्रमाणों का हवाला देते हुए कहा कि साधारण स्क्रीनिंग तरीकों से कैंसर का शुरुआती पता लगने पर मृत्यु दर में भारी कमी आ सकती है। कई देशों में ऐसी स्क्रीनिंग कार्यक्रमों की वजह से कैंसर से होने वाली मौतें 30-50 प्रतिशत तक कम हुई हैं।

सभी लैब में अनिवार्य स्क्रीनिंग की मांग

सांसद ने केंद्र सरकार से मांग की कि प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग को देश के सभी सरकारी व निजी लैबोरेट्री में अनिवार्य किया जाए तथा इसे विनियमित किया जाए। इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और गुणवत्ता मानक तय किए जाएं।

ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान जरूरी

उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से अपील की कि ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के नेटवर्क का उपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसमें इन चारों कैंसर के जोखिम, लक्षण और प्रारंभिक स्क्रीनिंग के फायदों की व्यापक जानकारी दी जाए।

समय पर कार्रवाई से बचेगा देश

शेटकार ने कहा कि यदि सरकार तत्काल कदम उठाए तो आने वाले वर्षों में लाखों भारतीयों की जान बचाई जा सकती है। कैंसर अब भारत में मौत का दूसरा बड़ा कारण बन चुका है और प्रारंभिक स्क्रीनिंग ही इसका सबसे प्रभावी हथियार है।लोकसभा में उठाया गया यह मुद्दा देश में कैंसर नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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