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भारत

कच्चे तेल के स्रोतों में विविधता जरूरी: संसदीय समिति

पिछले सप्ताह संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में लोक उपक्रम समिति ने कहा कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 89 प्रतिशत आयात करता है।

नई दिल्ली: एक संसदीय समिति ने कच्चे तेल के आयात पर भारत की भारी निर्भरता और बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों को देश के लिए बड़ी चुनौतियां बताते हुए सरकार से आपूर्ति स्रोतों में विविधता बढ़ाने और जोखिम प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने का आग्रह किया है।

भारत कच्चे तेल की जरूरतों का 89 प्रतिशत आयात करता है

पिछले सप्ताह संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में लोक उपक्रम समिति ने कहा कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 89 प्रतिशत आयात करता है। इस वजह से देश संघर्ष, प्रतिबंध, तेल उत्पादक देशों में नागरिक अशांति और स्वेज नहर तथा लाल सागर जैसे प्रमुख पोत परिवहन मार्गों में व्यवधान जैसी वैश्विक घटनाओं के प्रति संवेदनशील हो जाता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में तनाव का पड़ा असर

रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में तनाव जैसी हालिया घटनाओं ने भारत की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला की नाजुकता को उजागर किया है। समिति ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और सरकारी तेल कंपनियों से कच्चे तेल की आपूर्ति के स्रोतों को भौगोलिक और अनुबंधीय दोनों स्तरों पर विविध बनाने की सिफारिश की है। समिति ने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार को मजबूत करने और वैकल्पिक आयात मार्ग विकसित करने पर भी जोर दिया।

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