गुवाहाटी: असम के नगांव जिले में वन भूमि के लिए संरक्षित 795 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत शनिवार को अतिक्रमण रोधी अभियान शुरू किया गया, जहां करीब 1,500 परिवार रहते हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि लुतीमारी इलाके में भारी सुरक्षा के बीच सुबह अभियान शुरू किया गया।
3 महीने पहले थमाई गई थी नोटिस
एक अधिकारी ने बताया कि अतिक्रमण करने वालों को तीन महीने पहले नोटिस जारी करके दो महीने के अंदर जगह खाली करने को कहा गया था। उन्होंने जगह खाली करने के लिए एक और महीने का समय मांगा था और जिला प्रशासन इस पर मान गया। उन्होंने कहा कि पक्के और कच्चे दोनों तरह के मकानों में रहने वाले 1,100 से अधिक परिवार पहले ही अपना सामान लेकर जा चुके हैं और गैर-कानूनी तरीके से बने ढांचों को तोड़ दिया गया है।
40 साल से भी अधिक समय से रहने का दावा
उन्होंने कहा कि इस मुहिम में बाकी मकानों को भी तोड़ा जा रहा है। कुछ लोगों ने दावा किया कि वे इस इलाके में 40 साल से अधिक समय से रह रहे हैं और उन्हें पता नहीं था कि यह जंगल की जमीन है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पहले दावा किया था कि मई 2021 में उनके सत्ता संभालने के बाद से 160 वर्ग किलोमीटर से अधिक जमीन से अतिक्रमण हटाया गया है।
50,000 लोग प्रभावित
उनके मुताबिक, इस तरह के अतिक्रमण रोधी अभियानों की वजह से 50,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। थोड़े समय के अंतराल के बाद 16 जून से अभियान फिर से शुरू हुए और तब से 5,000 से अधिक परिवारों को हटाया जा चुका है। हटाए गए अधिकतर लोग बांग्ला भाषी मुस्लिम समुदाय से हैं, जिनका दावा है कि उनके पूर्वज उन इलाकों में बस गए थे जहां अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जा रहा है क्योंकि ब्रह्मपुत्र के कटाव के कारण ‘चार’ या नदी के किनारे के इलाकों में उनकी जमीन बह गई थी।