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अब आप भी सुझा सकते हैं अंडमान-निकोबार के 586 निर्जन द्वीपों के नाम

प्रशासन की विशेष पहल 586 निर्जन द्वीपों के नाम रखने के लिए आमजन से सुझाव मांगे

श्री विजयपुरम: अंडमान-निकोबार प्रशासन ने द्वीपसमूह में स्थित 586 निर्जन द्वीपों के नाम रखने के लिए आम जनता से सुझाव देने को कहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में कुल 836 द्वीप, टापू और चट्टानें हैं जिनमें से केवल 31 द्वीपों पर लोग रहते हैं। अंडमान-निकोबार प्रशासन की कला एवं संस्कृति निदेशक प्रियंका कुमारी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘हमने आम जनता, जनजातीय समुदायों के सदस्यों, पूर्व सैनिकों, छात्रों, शिक्षकों, इतिहासकारों और पर्यावरणविदों से नामों को लेकर सुझाव मांगे हैं। द्वीपसमूह के कठिन भौगोलिक स्वरूप को देखते हुए यह एक विशिष्ट कार्य होगा।’’

स्थानीय कारकों पर रखे जायेंगे नाम

उन्होंने कहा कि निर्जन द्वीपों के नाम स्थानीय जनजातीय विरासत, स्वतंत्रता सेनानियों, विशिष्ट व्यक्तित्वों, शहीदों, विशिष्ट वनस्पति एवं जीव-जंतुओं, भौगोलिक विशेषताओं, राष्ट्रीय महत्व की ऐतिहासिक घटनाओं या किसी अन्य उपयुक्त विषय को प्रतिबिंबित करने वाले होने चाहिए। कुमारी ने कहा, ‘‘इन सभी 586 द्वीपों के विशिष्ट पहचान क्रमांक हैं और राज्य नाम प्राधिकरण द्वारा नामों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इन्हें अंतिम मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।’’

गृह मंत्रालय के परामर्श से रखे जायेंगे नाम

उन्होंने कहा कि इसके बाद गृह मंत्रालय और अंडमान-निकोबार प्रशासन मिलकर इन 586 निर्जन द्वीपों और टापुओं का नामकरण करेंगे ताकि द्वीपसमूह की संप्रभुता, सांस्कृतिक पहचान और इतिहास को संरक्षित किया जा सके। भारतीय सर्वेक्षण विभाग (एसओआई) इस प्रक्रिया में सर्वेक्षण, तकनीकी सहायता, मानचित्र तैयार करने और समुद्री सीमाओं के निर्धारण में केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की सहायता कर रहा है।

SOI आधिकारिक नाम दर्ज होना सुनिश्चित करेगा

द्वीपों के नाम तय किए जाने के बाद एसओआई यह सुनिश्चित करेगा कि आधिकारिक मानचित्र और भौगोलिक आंकड़ों में अद्यतन आधिकारिक नाम दर्ज हों। अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह का कुल भू-क्षेत्र लगभग 8,249 वर्ग किलोमीटर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनवरी 2023 में ‘पराक्रम दिवस’ (नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती) के अवसर पर 21 द्वीपों का नाम भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित वीर सैनिकों के नाम पर रखा था।

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