नेहा, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने कोलकाता एयरपोर्ट के पास स्थित एक मल्टी-टावर हाउसिंग कॉम्प्लेक्स सहित 10 ढांचों के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं। मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे 60 दिनों के भीतर एविएशन ऊंचाई मानकों से अधिक बने हिस्सों को हटा दें, नहीं तो एयरक्राफ्ट (डिमोलिशन ऑफ ऑब्स्ट्रक्शन्स) नियमों के तहत ढांचा तोड़ा जाएगा। इस साल की शुरुआत में हुई ऑब्स्टेकल लिमिटेशन सरफेस (OLS) सर्वे में एयरपोर्ट के आसपास 377 खतरों की पहचान हुई थी। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने सभी को नोटिस भेजे। नारायणपुर, कईखाली और न्यू टाउन में उड़ान मार्ग के सीधे नीचे पाए गए 118 बहुमंजिला भवनों में से केवल 15 ने अब तक अपने अवैध हिस्से गिराए हैं।
अहमदाबाद एयर क्रैश के बाद नियम सख्त, 60 दिन में पालन नहीं तो... 2015 तक, मंजूर ऊंचाई रनवे से दूरी के आधार पर तय होती थी और उसी के अनुसार AAI NOC जारी करता था। लेकिन इस जून अहमदाबाद एयर क्रैश में 241 लोगों की मौत के बाद नियम कड़े कर दिए गए। अब किसी भी उल्लंघन की सूचना मिलते ही मालिकों को 60 दिनों के भीतर संरचनागत विवरण जमा करना अनिवार्य है, नहीं करने पर ध्वस्तीकरण तय है। अपील की सुविधा है, लेकिन निर्धारित प्रारूप और समय सीमा में ही।
यह है मामला
इस महीने जिन इमारतों के लिए ताजा नोटिस भेजे गए हैं, उनमें एयरपोर्ट सीमा से सटे बाबलातला स्थित पांच-टावर वाला एक कॉम्प्लेक्स भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि वर्षों में इस कॉम्प्लेक्स को आठ बार नोटिस भेजे गए हैं, जिनमें कहा गया है कि दो टावरों की सबसे ऊपरी दो मंजिलें, जिसमें लिफ्ट रूम और वॉटर टैंक भी शामिल हैं, टेक-ऑफ फनल में घुसपैठ कर रही हैं। AAI की जनवरी 2025 की चिट्ठी में कहा गया कि कॉम्प्लेक्स को मार्च 2014 में जारी ऊंचाई NOC वाले स्थान से 357 मीटर दूर बनाया गया। आदेश के अनुसार यह कॉम्प्लेक्स OLS में घुसपैठ करता है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के 2015 के ऊंचाई प्रतिबंध नियमों का उल्लंघन है। इसमें ब्लॉक A और B में 10.7 मीटर, ब्लॉक C और D में 11.2 मीटर और ब्लॉक E में 6.9 मीटर ऊंचाई घटाने का निर्देश दिया गया।
उनकी इमारत का कोई भी हिस्सा अवैध नहीं है : दावा
102 फ्लैट वाले इस कॉम्प्लेक्स के निवासी दावा करते हैं कि उनकी इमारत का कोई भी हिस्सा अवैध नहीं है। उनका कहना है कि डेवलपर को 2013 में AAI से 35.6 मीटर AMSL की अनुमति मिली थी। निर्माण 2018 में पूरा हुआ और 2019 में बिधाननगर नगर निगम से कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी मिल गया। DGCA के अनुसार यहां दोनों टावरों की ऊपरी लगभग 11 मीटर हिस्से को हटाने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि वे मुख्य रनवे से उड़ान भरने वाले विमानों के लिए बाधा पैदा कर रहे हैं। बिल्डिंग एसोसियेशन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा “हम हर नोटिस पर सारे दस्तावेज जमा करते आए हैं। ऊपरी फ्लोर कानूनी रूप से मंजूर थे और एयरपोर्ट व्यू होने के कारण प्रीमियम पर बेचे गए थे। हमने हाई कोर्ट का रुख किया है और जल्दी सुनवाई की मांग फिर से की है, जो दो महीने से लंबित है,”।
नियमों के अनुसार, मालिकों को 60 दिनों के भीतर ढांचे की ऊंचाई, एयरपोर्ट रेफरेंस पॉइंट से दूरी और NOC के दस्तावेज देने होते हैं। पालन नहीं करने पर मामला DGCA को भेजा जाता है और बार-बार इनकार पर जिला प्रशासन ध्वस्तीकरण करा सकता है। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि इस महीने नोटिस पाए सभी 10 ढांचों की फॉलो-अप रिपोर्ट तैयार की जा रही है। “एयरपोर्ट के आसपास की नगरपालिकाओं, शहरी विकास विभाग, बारासात जिला प्रशासन और बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट को नोटिस की प्रतियां भेज दी गई हैं और अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है” ।