अलीपुरदुआर

डुअर्स के चाय बागानों में ईडी की छापेमारी

सन्मार्ग संवाददाता

जलपाईगुड़ी : ईडी ने शुक्रवार को डुअर्स के दो चाय बागानों में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के एक रिश्तेदार प्रसन्न रॉय की संपत्तियों की जांच की। ईडी की दो टीमें, प्रत्येक में 6 अधिकारी, सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक विभिन्न दस्तावेज एकत्र करती रहीं। जांच का उद्देश्य यह पता लगाना था कि पार्थ चटर्जी का काला धन उनके रिश्तेदार के माध्यम से इन चाय बागानों में कैसे निवेश किया गया। जुलाई 2022 में शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोप में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। दो महीने बाद, सितंबर 2022 में, उनके रिश्तेदार को भी उसी आरोप में गिरफ्तार किया गया। 2020 से प्रसन्न रॉय ने इन दो चाय बागानों का संचालन अपने नाम पर शुरू किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद, उनके रिश्तेदार विजय रॉय को बागानों का प्रबंधन सौंपा गया, लेकिन प्रबंधन समस्याओं के कारण 2023 से दोनों बागान बंद हो गए। अब नए मालिक, रितिक भट्टाचार्य, इनका संचालन कर रहे हैं।

चाय बागानों का विवरण

सैमसिंग में 850 और बामनडांगा तांडु में 1000 श्रमिक हैं। श्रमिकों ने बताया कि प्रसन्न रॉय समय-समय पर बागानों में आते थे, और उनकी पत्नी व विजय रॉय भी एक-दो बार आए। 2021 में प्रसन्न ने रात तक रुककर श्रमिकों को नकद पूजा बोनस दिया था, और उनके प्रबंधन में बागानों को कोई समस्या नहीं हुई। हालांकि, अब नए मालिक के निर्देशों पर बागान चल रहे हैं। ईडी ने प्रसन्न रॉय की गिरफ्तारी के बाद कई जानकारियां हासिल कीं, विशेष रूप से बागानों के संचालन के लिए करोड़ों रुपये कहां से आए। जांच का फोकस यह है कि क्या पार्थ चटर्जी का काला धन इन बागानों में निवेश किया गया था, और गिरफ्तारी के बाद भी विजय रॉय के माध्यम से बागानों का प्रबंधन कैसे चल रहा था। ईडी ने बागानों के बैंक खातों, पासबुक, और अन्य दस्तावेजों की जांच की, उनकी जेरोक्स कॉपी और तस्वीरें लीं।

मालिक से लेकर श्रमिक रहें परेशान

ईडी की जांच की खबर सुनकर, दोपहर से ही दोनों बागानों में श्रमिक कार्यालयों के सामने जमा होने लगे। बामनडांगा तांडु के श्रमिक कैलाश गोप ने कहा, "हमें नहीं पता जांच किस लिए है, लेकिन सुबह से शाम 7 बजे तक टीमें रुकी रहीं। हम चाहते हैं कि जांच हो, पर बागान बंद न हों।" बागानों के मालिक रितिक भट्टाचार्य ने फोन पर बताया कि ईडी प्रसन्न रॉय के बारे में जानकारी लेने आई थी। हालांकि, सुबह 9 बजे से शाम तक चली जांच से उनके बागानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि सामान्य कामकाज प्रभावित हुआ। माल महकमा के एसडीपीओ रोशन प्रदीप देशमुख ने कहा कि उन्हें ईडी की जांच की जानकारी है, लेकिन ईडी ने पुलिस को कोई औपचारिक सूचना नहीं दी। यह जांच शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित काले धन के निवेश की गहन पड़ताल का हिस्सा है, और ईडी इस मामले में और सबूत जुटाने में जुटी है।

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