सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बदलते मौसम के साथ ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। इन दिनों लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश का दौर जारी है। एक ही दिन में लोग धूप, बारिश और उमस भरे मौसम का अनुभव कर रहे हैं। सुबह में धूप खिली रहती है फिर अचानक से बारिश हो जाने के बाद वातावरण में उसम भर जाती है। ऐसे बदलते मौसम में लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं।
पिछले साल की तुलना में इस बार मरीजों की संख्या बढ़ी
कुछ डॉक्टरों के मुताबिक इस मौसम में पिछले साल की तुलना में इस बार मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुताबिक इस साल मरीजों की संख्या में 20 से 30% तक बढ़ोतरी हुई है। हालांकि डॉक्टरों ने बताया कि घबराने वाली कोई बात नहीं है। अस्पताल में मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीज आ रहे हैं, मगर विशेष चिंता की कोई बात नहीं है।
डायरिया के भी काफी मामले आ रहे
सर्दी, जुकाम और बुखार के साथ लोगों में डायरिया की शिकायत देखी जा रही है। डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में डायरिया के कई मामले आ रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों की ओर से मौसम को ध्यान में रखते हुए लोगों से बाहर के खाने से बचने के लिए कहा जा रहा है। एडिनोवायरस की समस्या भी काफी ज्यादा देखी जा रही है।
बच्चे भी हो रहे बीमार
मौसमी बीमारी का असर बच्चों पर काफी ज्यादा हो रहा है। बच्चों को 'इन्फ्लूएंजा ए' नाम के वायरस से ग्रसित होते देखा जा रहा है। कई मामलों में बच्चों की हालत गंभीर हो रही है। इस स्थिति में बच्चों को पेय पदार्थ का सेवन कराने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा बाहर के खानों से जितना हो सके बचने की सलाह दी जा रही है।
क्या कहना है डॉक्टरों का
विशुद्धानंद अस्पताल के फिजिशियन डॉ. संजय कुमार सोंथालिया ने कहा कि लगातार बारिश होने के बाद मौसमी बीमारियाें में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इसमें बुखार का असर 5 से 7 दिनों तक रहता है। अन्य समस्याओं के साथ डायरिया की शिकायतें भी बहुत ज्यादा आ रही हैं। डॉ. शुभायन भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार मरीजों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। हालांकि उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों की वजह से 2 से 3 मरीजों को असपताल में भर्ती किया गया है, मगर कोई गंभीर चिंता की बात नहीं है। सीएमआरआई की पेडियाट्रिशियन डॉ. रुचि गोलास ने कहा कि इन्फ्लूएंजा ए नाम के वायरस की वजह से बहुत बच्चे बीमार हो रहे हैं। इसमें बुखार, सर्दी या जुकाम जैसी समस्याएं हो रही है। कई मामलों में बच्चों को स्थिति गंभीर देखी जा रही है।