कोलकाता . प्रदेश में सड़क चौड़ीकरण को लेकर अब बिजली के खंभे या भूमिगत लाइनों को लेकर कोई बाधा नहीं आएगी। क्योंकि लोक निर्माण विभाग ने इसको लेकर एक नया नियम बनाया है। इससे पहले इस संबंध में कोई विशिष्ट सरकारी नियम नहीं होने के कारण सड़क विस्तार को लेकर कई तरह की समस्याएं सामने आ जाती थी। अमूमन देखा जाता था जब भी कहीं सड़क चौड़ीकरण को लेकर योजना बनाई जाती थी तो बीच रास्ते में बिजली के खंभे या भूमिगत लाइन होने के कारण काम में रुकावट हो जाता था।
राइट ऑफ वे' (आरओडब्ल्यू) के बिल्कुल किनारे पर लगेंगे खंभे
राज्य लोक निर्माण विभाग ने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए नए नियम जारी किए हैं। उस नियम के अनुसार, अब से सड़क विस्तार परियोजनाओं में बिजली के खंभे या भूमिगत लाइनें सड़क निर्माण के लिए आवंटित सरकारी भूमि या 'राइट ऑफ वे' (आरओडब्ल्यू) के बिल्कुल किनारे पर लगाए जाएंगे। संयोगवश, जब सरकार सड़क निर्माण के लिए भूमि आवंटित करती है, तो इसमें न केवल सड़क की वर्तमान चौड़ाई शामिल होती है, बल्कि उस भूमि का एक हिस्सा भी शामिल होता है, यदि भविष्य में सड़क का विस्तार करने की आवश्यकता होती है। अर्थात्, भविष्य में सड़क चौड़ीकरण के दौरान ली जाने वाली भूमि भी 'मार्ग के अधिकार' के अंतर्गत आती है। मान लीजिए कि सड़क वर्तमान में 20 फीट चौड़ी है। लेकिन सरकार ने इस सड़क के लिए 60 फुट का 'मार्गाधिकार' आवंटित किया है। प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, काफी समय से यही होता आ रहा है कि 20 फीट के बाद बिजली के खंभे या भूमिगत लाइनें क्यों लगाई जा रही हैं, इस बारे में कोई विशिष्ट 'दिशानिर्देश' नहीं थे।
धन और समय की होगी बचत
लेकिन अब से लोक निर्माण विभाग के निर्णय के अनुसार, बिजली के खंभे या भूमिगत पाइपलाइनें उस 'मार्गाधिकार' के बिल्कुल किनारे, यानी 58-60 फीट के भीतर ही लगाई जाएंगी। ताकि भविष्य में चाहे कितनी भी चौड़ी सड़क बनाई जाए, वह खंभा सड़क के बीच में नहीं आएगा। परिणामस्वरूप, उन्हें हटाने में कोई पैसा, समय या श्रम खर्च नहीं होगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, लोक निर्माण विभाग, सीईएससी, डब्ल्यूबीएसईडीसीएल और अन्य विभागों के प्रतिनिधि सरकारी सड़कों के लिए आवंटित भूमि के कुल क्षेत्रफल का निर्धारण करने के लिए स्थल निरीक्षण करेंगे। यदि ऐसा है, तो बिजली का खंभा या भूमिगत लाइन निर्धारित क्षेत्र के बिल्कुल किनारे पर लगाई जाएगी। कुछ प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इससे बिजली के खंभों और भूमिगत लाइनों को हटाने में लगने वाले भारी धन और समय की बचत होगी। सड़क चौड़ीकरण और बिजली सेवाएं, जो दोनों ही योजना के अनुसार आगे बढ़ रही हैं, इससे इस परियोजना में गति प्राप्त करेंगी।