पश्चिम बंगाल

ECI के खिलाफ दर्ज शिकायतों को लेकर हलचल तेज

आयोग ने इसे डराने की साजिश बताया निर्वाचन तंत्र को डराने की साजिश बेनकाब

केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : भारत निर्वाचन आयोग और पश्चिम बंगाल के चुनाव तंत्र के खिलाफ दर्ज करायी गयी पुलिस शिकायतों को लेकर सियासी और प्रशासनिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए इसे SIR 2026 से जुड़े वैधानिक दायित्व निभा रहे अधिकारियों को डराने-धमकाने की साजिश करार दिया है। आयोग ने यह भी कहा कि इस साजिश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयोग अपने लीगल सेल से परामर्श ले रहा है। थाने के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। यह कार्रवाई आयोग की शाख नष्ट करने के लिए की गई है। मालूम हो पुरुलिया के पारा थाना क्षेत्र में एसआईआर सुनवाई के लिए निकले आदिवासी समुदाय के वृद्ध दुर्जन माझी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने मानसिक दबाव के चलते आत्महत्या का आरोप लगाया है। मामले में उनके बेटे ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस पर निर्वाचन आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया दी।

चुनाव आयोग के खिलाफ शिकायतों पर कड़ा रुख

विभिन्न प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल के कार्यालय के संज्ञान में आया है कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ पुलिस में दो शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। आयोग ने इन शिकायतों को सुनियोजित और दुर्भावनापूर्ण बताया है।

SIR 2026 को बाधित करने की कोशिश का आरोप

चुनाव आयोग का कहना है कि लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं और इनका उद्देश्य SIR 2026 से जुड़े वैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे अधिकारियों को डराना और दबाव में लेना है। इसे चुनावी प्रक्रिया को पटरी से उतारने की एक सोची-समझी रणनीति बताया गया है।

‘डराने की रणनीति विफल होगी’

आयोग ने साफ शब्दों में कहा है कि चुनाव तंत्र को झुकाने या कमजोर करने के लिए अपनाई गई कोई भी डराने-धमकाने की रणनीति सफल नहीं होगी। चुनाव आयोग संविधान और कानून के तहत अपने कर्तव्यों का पालन करता रहेगा।

साजिश के पीछे के लोगों तक पहुंचेगा कानून

चुनाव आयोग ने भरोसा दिलाया है कि इन सिलसिलेवार और मनगढ़ंत शिकायतों के पीछे छिपी साजिश का पर्दाफाश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। आयोग ने कहा कि कानून का शासन कायम रहेगा और सच्चाई की जीत होगी।

सार्वजनिक हित में काम करने को प्रतिबद्ध चुनाव तंत्र

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने दोहराया कि राज्य में चुनाव तंत्र पूरी निष्ठा, दृढ़ता और ईमानदारी के साथ सार्वजनिक हित में कार्य करता रहेगा और किसी भी दबाव या धमकी से प्रभावित नहीं होगा।

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