लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को सत्तारूढ़ BJP पर निशाना साधते हुए दावा किया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया में 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कट जाने से SIR में घमासान मचा है।
अखिलेश ने शनिवार को कहा, उत्तर प्रदेश BJP में मचे आपसी घमासान का कारण ऊपरी तौर पर भले कोई ‘विद्रोही बैठक’ हो, पर असल कारण ये है कि भाजपाई विधायकों के बीच ये समाचार पहले ही प्रसारित हो चुका है कि SIR में 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कट गये हैं।
मीडिया में प्रसारित खबरों के मुताबिक, 23 दिसंबर को कुशीनगर जिले से BJP विधायक पी. एन. पाठक के लखनऊ स्थित आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी के ब्राह्मण विधायकों की कथित रूप से बैठक हुई।
बैठक में पूर्वांचल और बुंदेलखंड के करीब 40 विधायकों ने हिस्सा लिया था हालांकि इस बैठक का कोई ब्यौरा नहीं मिल सका लेकिन इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
अखिलेश ने इसी बैठक के संदर्भ को लेकर दावा किया, बकौल ‘एक वर्ष-शेष’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के लगभग 85-90 प्रतिशत उनके अपने ही वोटर कटे हैं। अब इस आंकड़े को उत्तर प्रदेश की कुल 403 सीट से भाग दे दिया जाए तो ये आंकड़ा लगभग 61 हजार वोट प्रति सीट आएगा।
राज्य विधानसभा में कुल 403 सीट हैं। यादव ने कहा, ऐसे में ये निष्कर्ष निकलता है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की हर एक सीट पर आनुपातिक रूप से 61 हजार वोट कम पाएगी। ऐसे में वो सरकार क्या बनाएगी, दहाई का अंक भी पार नहीं कर पायेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, इसलिए आपसी लड़ाई अब एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप व टोका-टोकी व खुलेआम नोटिस के रूप में सामने आ रही है।
BJP की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पंकज चौधरी ने पार्टी के जन प्रतिनिधियों को आगाह किया कि वे किसी तरह की ‘नकारात्मक राजनीति’ का शिकार न बनें।
BJP के ब्राह्मण विधायकों की लखनऊ में 23 दिसंबर को हुई एक कथित बैठक को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच चौधरी ने गुरुवार पार्टी विधायकों को चेतावनी दी।
यादव ने कहा, BJP के विधायक अलग-अलग बैठकें करके ये दिखा रहे हैं कि BJP सरकार, BJP संगठन व BJP के संगी साथी कोई भी उनकी नहीं सुन रहे हैं, इसलिए उनके कोई काम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में जब चुनाव के पूर्व उनके कामों के आधार पर उनके मूल्यांकन का सर्वे करवाया जाएगा तो वो फेल हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, यही वह बुनियादी कारण है कि वे सब इकट्ठे होकर अपनी सफाई देने में जुट गये हैं। BJP में चंद गिने-चुने लोगों के महाभ्रष्टाचार में से इन ‘असंतुष्टी से विद्रोह के स्तर तक’ पहुंचे लोगों के हिस्से बदनामी के छींटों के सिवा कुछ हाथ नहीं लगा है। एसआईआर ने BJP को अपने खोदे गड्ढे़ में ही गिरा दिया है।