आजमगढ़ : जमीयत उलमा-ए- हिंद (एएम) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नेपाल से सटे विभिन्न जिलों में मदरसों तथा धार्मिक स्थलों को बंद कराए जाने एवं उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को मुसलमानों की धार्मिक आजादी पर 'गंभीर हमला' करार देते हुए कहा कि अगर सरकार नफरत फैलाने की दिशा में काम कर रही है तो यह बिल्कुल भी उचित नहीं है।
मदनी ने आजमगढ़ के सरायमीर कस्बे में रविवार रात आयोजित 'मदरसा सुरक्षा सम्मेलन’ में राज्य के नेपाल के सीमावर्ती जिलों में मदरसों, मस्जिदों, मजारों और कब्रिस्तानों के खिलाफ सरकार के निर्देश पर हाल ही में की गई कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का यह अभियान मुसलमानों की धार्मिक आजादी पर एक गंभीर हमला है। जमीअत उलमा-ए-हिंद इसके खिलाफ कानूनी संघर्ष कर रही है।
उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद उत्तर प्रदेश के उन सभी मुस्लिम बहुल जिलों में जिनकी सीमायें नेपाल से मिलती हैं, मदरसों ही नहीं दरगाहों, ईदगाहों और कब्रिस्तानों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई धड़ल्ले से जारी है। अब तक सैकड़ों मदरसों को असंवैधानिक घोषित करके सील किया जा चुका है। इसे लेकर मुसलमानों में चिंता और भय का वातावरण है।
मदनी ने कहा, सरकार का काम है मुल्क में अमन और शांति कायम करना, ना कि नफरत फैलाना। अगर सरकार नफरत फैलाने की दिशा में काम कर रही है तो यह कतई उचित नहीं है।