प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ के दौरान कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि जब यह आयोजन पहले ही संपन्न हो चुका है तो ऐसे में इस चरण में जांच कराने की मांग करना निरर्थक कवायद प्रतीत होता है। मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने केशर सिंह और दो अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।
याचिकाकर्ताओं ने जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि महाकुंभ के दौरान प्रशासन अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल रहा और कुंभ क्षेत्र में खराब गुणवत्ता का जल उपलब्ध कराया गया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि पांटून के पुल अच्छी गुणवत्ता के नहीं थे।याचिका में आरोप लगाया गया कि भीड़ का प्रबंधन बहुत खराब तरीके से किया गया, जिससे लोगों को गंगा और संगम में डुबकी लगाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
अपर महाधिवक्ता ने दलील दी कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि यह पूरी तरह से अखबारों की खबरों पर आधारित है और इस संबंध में वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए कोई शोध कार्य नहीं किया गया। अदालत ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि जनहित याचिका अखबार की खबर पर आधारित नहीं हो सकती।