लखनऊ : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि समाज में खेल और खिलाड़ियों को लेकर धारणा बदलल चुकी है। आज माता-पिता अपने बच्चों को लिएंडर पेस, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, रोहित शर्मा, पीवी सिंधू, डी गुकेश और नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ियों के रूप में देखना चाहते हैं।
'खेलोगे कूदोगे होगे खराब, पढ़ोगे, लिखोगे तो बनोगे नवाब' नामक लोकप्रिय मुहावरे का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा कि एक समय ऐसा माना जाता था कि खेलों में समय लगाना समय की बर्बादी है। लखनऊ के केडी सिंह 'बाबू' स्टेडियम में शनिवार को 'सांसद खेल महाकुंभ' में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, आज यह सोच बदल गई है और खेलों और खिलाड़ियों के प्रति समाज की धारणा बदल गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी समाज के विकास के लिए यह बहुत जरूरी है कि खेलों और खिलाड़ियों को ना केवल समाज में महत्व दिया जाए बल्कि उन्हें फलने-फूलने का पूरा मौका भी दिया जाए।
उन्होंने कहा, आजकल लखनऊ में इंडियन प्रीमियर लीग के मैच हो रहे हैं, लेकिन एक समय था जब इसके केडी सिंह बाबू स्टेडियम में शीशमहल ट्रॉफी नाम से क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होता था और टीम इंडिया के बड़े-बड़े खिलाड़ी लखनऊ में खेलते नजर आते थे।