उत्तर प्रदेश

'SIR' के बहाने वोट डालने का अधिकार छीन रही है भाजपा सरकार : अखिलेश यादव

पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि 'यह एसआईआर है, आखिर भाजपा इतनी जल्दबाजी में क्यों है। चुनाव आयोग और भाजपा मिले हुए हैं और दोनों जल्दबाजी कर रहे हैं।'

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए शनिवार को दावा किया कि सरकार मतदाता सूची के SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) के बहाने वोट डालने का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।

यादव ने एसआईआर अभियान के दौरान ड्यूटीरत एक BLO की कथित तौर पर मस्तिष्काघात से मौत के बाद उसके परिजनों को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के बाद सपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।

SIR सोची समझी साजिश

यादव ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाते हुए कहा, 'ये (एसआईआर) सोची समझी साजिश है, रणनीति है। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के दिये हुए संविधान के तहत हमें जो वोट डालने का अधिकार है, उस अधिकार को छीनने की तैयारी है।' उन्‍होंने कहा, 'ये (केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग) एसआईआर के बहाने वोट डालने का अधिकार छीन रहे हैं। आरक्षण, आपकी पहचान छीनेंगे और आपके ऊपर उल्टे सीधे दबाव बनाएंगे।'

सरकार BLO की मौत को कर रही है अनदेखा

सपा प्रमुख ने बीएलओ के परिवार के बयान का जिक्र करते हुए कहा, 'ड्यूटी पर रहने के दौरान बीएलओ की मौत हुई, लेकिन अधिकारी दबाव बनाते हैं और यह साजिश रची जा रही है कि वह ड्यूटी पर नहीं थे। जिस स्कूल में वह शिक्षा मित्र थे, उस पर भी दबाव बनाया जा रहा है कि वे पहले से बीमार थे।'

जिम्मेदारी का कार्य है दबाव न बनाया जाय

यादव ने कहा कि ''सपा की पहले दिन से मांग है कि पहले तो इस तरह काम का दबाव न बनाया जाए, क्योंकि यह बहुत जिम्मेदारी और सावधानी का काम है और बहुत संवेदनशील कार्य है। एक बार फॉर्म खारिज हो गया और वोट आपका नहीं बना तो पूरे कागजात के साथ घूमना पड़ेगा।' पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि 'यह एसआईआर है, आखिर भाजपा इतनी जल्दबाजी में क्यों है। चुनाव आयोग और भाजपा मिले हुए हैं और दोनों जल्दबाजी कर रहे हैं।'

शादियों के दौरान SIR की हड़बड़ी क्यों ?

सपा प्रमुख ने सवाल करते हुए कहा, 'पहले भी मैं यह बात कह चुका हूं कि उत्तर प्रदेश में लगातार शादियां हो रही हैं और शादियों के समय में लोगों को एक-दूसरे के यहां आना जाना, तैयारी करना होता और सब व्यस्त हैं। इतने कम समय में पूरे प्रदेश का एसआईआर कराने की क्‍या आवश्‍यकता है।'

व्यवस्था पर व्यंग्य

उन्‍होंने व्यवस्था पर भी व्यंग्य कसते हुए कहा कि 'यहां तक कि जिम्मेदारी नगर पालिका के सफाईकर्मियों को भी दी गई है। फॉर्म में इतनी तकनीकी बातें हैं और बीएलओ का सहायक सफाई कर्मचारी को बनाया गया है। और इस फॉर्म को बंटवाने में की जाने वाली जल्दबाजी, बंटा नहीं बंटा लेकिन जो सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि सभी फॉर्म बांटे जा चुके हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।'

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